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जिले के अधिकतर पटवारी हल्कों में भूमाफियाओं की दखल… वजह… पटवारियों और राजस्व अधिकारियों की सांठगांठ, जाहिर है ऐसे में अवैध प्लाटिंग की शिकायत पर कार्यवाही करे कौन ?

बिलासपुर // जिले के अधिकतर पटवारी हल्कों में भूमाफियाओं की दखल है वजह है पटवारियों और राजस्व अधिकारियों की सांठगांठ, जाहिर है ऐसे में अवैध प्लाटिंग की शिकायत राजस्व अधिकारियों तक पंहुचाए कौन,अगर पहुँच भी जाए तो उस पर जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही करने में हिलाहवाला करते है, ऐसे में अवैध प्लाटिंग में अपनी जीवनभर की जमा पूंजी लुटा देता है आम आदमी,और अवैध प्लाटिंग से मालामाल हो जाते हैं भूमाफिया और जिम्मेदार राजस्व अधिकारी व पटवारी ।

यकीन मानिए कुछ बिलासपुर // जिले के अधिकतर पटवारी हल्कों में भूमाफियाओं की दखल है वजह है पटवारियों और राजस्व अधिकारियों की सांठगांठ, जाहिर है ऐसे में अवैध प्लाटिंग की शिकायत राजस्व अधिकारियों तक पंहुचाए कौन,अगर पहुँच भी जाए तो उस पर जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही करने में हिलाहवाला करते है, ऐसे में अवैध प्लाटिंग में अपनी जीवनभर की जमा पूंजी लुटा देता है आम आदमी,और अवैध प्लाटिंग से मालामाल हो जाते हैं भूमाफिया और जिम्मेदार राजस्व अधिकारी व पटवारी । \nयकीन मानिए कुछ ऐसे ही पटवारियों नें आय से अधिक संपत्ति जोड़ लेने की वजह से एन्टी करप्शन ब्यूरो के दायरे में हैं, कुछ की लिखित शिकायत है जिस पर जांच जारी है लेकिन कुछ मामले सालों से लंबित है जिससे इन कुबेर पुत्रों की काली कमाई दिन दूगनी और रात चौगुनी होती जा रही है।\n\nइसका एक छोटा सा उदाहरण देखना हो तो बिलासपुर जिले के गनियारी चले जाइये जहाँ पटवारियों राजस्व अधिकारियों और भूमाफियों की यारी का नजारा शहर के आस पास के क्षेत्रों में की जा रही अवैध प्लाटिंग में साफ साफ नजर आता है। कहते हैं कि इन पटवारियों और भूमाफियाओं की कारगुजारियों की लिखित शिकायत के बाद भी राजस्व महकमें के उच्च अधिकारी मतलब शासन और प्रशासन कार्यवाही करने की बजाय मौन बैठे हैं! \nराजस्व अधिकारी पटवारी और भूमाफियाओं की यारी से जुड़ा एक सनसनीखेज मामला गनियारी उप तहसील अंतर्गत पटवारी हल्का न.54 खसरा न. 242/5, 234/1, 239/1, 239/10, 239/11\’ 239/13, 239/14 इनके अलावा 259/1, 259/2, 259/3, 239/24, 239/26, 239/27, 239/28, 239/29,239/30, 239/31 और 239/32 का निकल कर पड़ताल में सामने आया है इन सभी खसरा नंबरों में बड़े पैमाने पर शासन के राजस्व नियमों के विरुद्ध अवैध प्लाटिंग की जा रही है। जिसकी लिखित शिकायत नायब तहसीलदार गनियारी के कार्यालय में किया गया है। शिकायतकर्ता ने अपने शिकायत आवेदन में मांग किया है कि उपरोक्त जमीन के खसरा नम्बरों की खरीदी, बिक्री और नामांतरण पर तत्काल रोक लगाई जाए। \n\nगौरतलब है कि शिकायतकर्ता के शिकायत आवेदन पर शासन प्रशासन में बैठे राजस्व के जिम्मेदार अधिकारी उपरोक्त मामले की जांच गंभीरता और सूक्ष्मता से करते हैं या नही!\nबहरहाल राजस्व नियमों का उल्लंघन कर, शासन को चूना लगाने वाले भूमाफियाओं को संरक्षण देकर काली कमाई करनें वालों पर राजस्व महकमे के जिम्मेदार अफसर कब तक उपरोक्त शिकायत पर अपनी कार्यवाही शुरू करते हैं कहना मुश्किल है लेकिन ऐसा ही रवैया जिम्मेदार अधिकारियों का बना रहा तो वह दिन दूर नहीं जब इन भूमाफियाओं और पटवारियों के द्वारा बनाये गए अवैध प्लाटिंग के मकड़ जाल में फंसकर आम आदमी दर दर की ठोकरें खाने मजबूर होगा! ऐसे ही पटवारियों नें आय से अधिक संपत्ति जोड़ लेने की वजह से एन्टी करप्शन ब्यूरो के दायरे में हैं, कुछ की लिखित शिकायत है जिस पर जांच जारी है लेकिन कुछ मामले सालों से लंबित है जिससे इन कुबेर पुत्रों की काली कमाई दिन दूगनी और रात चौगुनी होती जा रही है।

इसका एक छोटा सा उदाहरण देखना हो तो बिलासपुर जिले के गनियारी चले जाइये जहाँ पटवारियों राजस्व अधिकारियों और भूमाफियों की यारी का नजारा शहर के आस पास के क्षेत्रों में की जा रही अवैध प्लाटिंग में साफ साफ नजर आता है। कहते हैं कि इन पटवारियों और भूमाफियाओं की कारगुजारियों की लिखित शिकायत के बाद भी राजस्व महकमें के उच्च अधिकारी मतलब शासन और प्रशासन कार्यवाही करने की बजाय मौन बैठे हैं!

राजस्व अधिकारी पटवारी और भूमाफियाओं की यारी से जुड़ा एक सनसनीखेज मामला गनियारी उप तहसील अंतर्गत पटवारी हल्का न.54 खसरा न. 242/5, 234/1, 239/1, 239/10, 239/11′ 239/13, 239/14 इनके अलावा 259/1, 259/2, 259/3, 239/24, 239/26, 239/27, 239/28, 239/29,239/30, 239/31 और 239/32 का निकल कर पड़ताल में सामने आया है इन सभी खसरा नंबरों में बड़े पैमाने पर शासन के राजस्व नियमों के विरुद्ध अवैध प्लाटिंग की जा रही है। जिसकी लिखित शिकायत नायब तहसीलदार गनियारी के कार्यालय में किया गया है। शिकायतकर्ता ने अपने शिकायत आवेदन में मांग किया है कि उपरोक्त जमीन के खसरा नम्बरों की खरीदी, बिक्री और नामांतरण पर तत्काल रोक लगाई जाए।

गौरतलब है कि शिकायतकर्ता के शिकायत आवेदन पर शासन प्रशासन में बैठे राजस्व के जिम्मेदार अधिकारी उपरोक्त मामले की जांच गंभीरता और सूक्ष्मता से करते हैं या नही!

बहरहाल राजस्व नियमों का उल्लंघन कर, शासन को चूना लगाने वाले भूमाफियाओं को संरक्षण देकर काली कमाई करनें वालों पर राजस्व महकमे के जिम्मेदार अफसर कब तक उपरोक्त शिकायत पर अपनी कार्यवाही शुरू करते हैं कहना मुश्किल है लेकिन ऐसा ही रवैया जिम्मेदार अधिकारियों का बना रहा तो वह दिन दूर नहीं जब इन भूमाफियाओं और पटवारियों के द्वारा बनाये गए अवैध प्लाटिंग के मकड़ जाल में फंसकर आम आदमी दर दर की ठोकरें खाने मजबूर होगा!

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