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राजस्व विभाग का ऑनलाइन गड़बड़झाला ,, कांग्रेस नेता के नाम दर्ज कर दी करोड़ो की 8 एकड़ 44 डिसमिल … सरकारी जमीन ..?

कांग्रेस के बेलतरा प्रत्याशी के नाम दर्ज हो गई..ग्राम कछार (सेंदरी) स्थित करोड़ों की 8 एकड़ 44 डिसमिल…शासकीय जमीन..?

पटवारी, तहसीलदार और एसडीएम बिलासपुर तक.. जादुई छड़ी की करामात से हैरत में ,,

बेलतरा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे राजेंद्र साहू डब्बू का कहना है कि.. उन्होंने, शासकीय जमीन का अपने नाम आवंटन करने के लिए..ना तो कभी कोई आवेदन दिया है..और ना ही कोई प्रस्ताव..! राजेंद्र साहू ने एसडीएम बिलासपुर को आवेदन देकर कहा है कि उनके नाम से ग्राम कछार की 8 एकड़ 44 डिसमिल जमीन कैसे चढ़ी…इसकी जांच कराएं

साहू का कहना है..उनकी छवि खराब करने के लिए कोई कर रहा साजिश ,,

ऐसे कैसे हो सकता है कि तहसीलदार को बिना आवेदन अथवा प्रस्ताव दिए..किसी के भी नाम चढ़ा दी जाए..8 एकड़ 44 डिसमिल शासकीय जमीन..

बिलासपुर // बिलासपुर से कुछ ही दूर रतनपुर मार्ग पर सेंदरी के पास स्थित कछार गांव में बीते एक सप्ताह से जबरदस्त बवंडर उठा हुआ है। विरोध का यह बवंडर तब शुरू हुआ जब कछार गांव के लोगों को यह पता लगा कि उनके गांव की तालाब व सड़क से लगी करोड़ों रुपयों की 8 एकड़ 44 डिसमिल मलाईदार जमीन सेंदरी गांव के पूर्व सरपंच तथा कांग्रेस के बेलतरा से प्रत्याशी रहे, राजेंद्र उर्फ डब्बू साहू के नाम से शासकीय ऑनलाइन रिकॉर्ड में चढ़ा दी गई है। जानकार लोग इसे बिलासपुर जिले का,”सबसे बड़ा ऑनलाइन जमीन गड़बड़झाला” बता रहे हैं।

इस बाबत जब हमने राजेंद्र साहू से खुद चर्चा की तो उनका कहना था… इसे लेकर मैं खुद हैरत में हूं कि ऐसा कैसे हो गया..? राजेन्द्र साहू का कहना है कि उन्होंने इस जमीन को अपने नाम आवंटित करने के लिए कभी भी कोई आवेदन अथवा प्रस्ताव तहसीलदार समेत कहीं भी नहीं दिया है। तब फिर यह 8 एकड़ 44 डिसमिल जमीन ऑनलाइन रिकॉर्ड में उनके नाम से कैसे बताई जा रही है..? इसे उनकी राजनीतिक तथा सामाजिक छवि एवं सम्मान के खिलाफ साजिश निरूपित करते हुए कहा कि जब मैंने कोई आवेदन या प्रस्ताव ही नहीं दिया.. तब कोई शासकीय जमीन…वह भी 8 एकड़ 44 डिसमिल…मेरे नाम से ऑनलाइन रिकॉर्ड में कैसे दर्ज हो सकती है। उन्होंने बताया कि जैसे ही उन्हें इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने, इसे लेकर एसडीएम बिलासपुर को ताबड़तोड़ एक आवेदन देकर इस संदिग्ध आवंटन की सच्चाई और उसके पीछे की साजिश की जांच कर..”दूध का दूध और पानी का पानी” करने के लिए निवेदन किया है।
वहीं ग्राम कछार की पटवारी से मोबाइल पर हुई बातचीत में उन्होंने भी कछार गांव की 8 एकड़ 44 डिसमिल शासकीय जमीन ऑनलाइन रिकॉर्ड में राजेंद्र साहू पिता सुंदर लाल साहू के नाम पर बताए जाने पर आश्चर्य जाहिर किया। और बताया कि आवेदन पर एसडीएम बिलासपुर द्वारा इस मामले में रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं।पटवारी का कहना था कि मैनुअल रिकॉर्ड में इस आवंटन की बात कहीं भी नहीं दिख रही है..!

अब यह सवाल उठना लाजमी है कि, ग्राम कछार कि उक्त शासकीय भूमि बेलतरा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे राजेंद्र उर्फ डब्बू साहू पिता सुंदर लाल साहू के नाम से कैसे चढ़ी..?
कछार गांव की जनता और तमाम लोग यह जानना चाहते हैं कि..किस जादुई छड़ी से दस करोड़ों रुपए से अधिक कीमत की 8 एकड़ 44 डिसमिल शासकीय जमीन राजस्व के कौन से तिलस्मी जादूगर ने श्री साहू के नाम से चढ़ावा दी..?

बहरहाल, जानकारी मिली है कि एसडीएम बिलासपुर इस मामले में ग्राम कछार के राजस्व रिकार्ड को खंगाल रहे हैं। और उम्मीद है कि बहुत जल्दी वे किसी नतीजे पर पहुंच जाएंगे..! जाहिर है कि जब तक ऐसा नहीं होता तब तक ग्राम कछार में विरोध का बवंडर दिनों दिन और विस्फोटक होता जाएगा…

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