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शहर में लोगों के चेहरों से मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग पूरी तरह गायब ,, प्रशासन और पुलिस की नजर हटते ही फिर बढ़ने लगे कोरोना संक्रमण के मामले ,,

बिलासपुर में चौक चौराहों से पुलिस और लोगों के चेहरों से मास्क तथा सोशल डिस्टेंसिंग पूरी तरह गायब ,,

कमिश्नर, आईजी और कलेक्टर, एसपी सक्रिय होंगे तभी कोरोना से बचेगा बिलासपुर ,,

अभी तक प्रशासन और पुलिस की सक्रियता से ही महफूज था हमारा जिला..मगर उनकी नजर हटते ही फिर हमला बोल रहा है कोरोना वायरस कोविड-19 का संक्रमण ,,

बिलासपुर // हमारी अपनी बिलासा की नगरी में बीते एक पखवाड़े से जिस तरह एक के बाद एक कोरोनावायरस कोविड-19 के संक्रमण के पॉजिटिव मरीज मिलते जा रहे हैं।वह हमारे लिए चिंता का सबब बन गया है। जिस तरह से एक के बाद एक नए नए मोहल्लों में कोरोनावायरस कोविड-19 के संक्रमित नए-नए मरीजों के नाम गांव सामने आते जा रहे हैं वह बिलासपुर शहर के लिए बहुत चिंता की बात है।नए मरीजों की लगातार मिल रही जानकारी ने हमारे उस घमंड को तोड़ दिया है कि बिलासपुर कोविड-19 के संक्रमण से बिलासपुर पूरी तरह सुरक्षित है।

जिस तरह से हालात बिगड़ रहे हैं उसमें हमारे अगल-बगल आस-पड़ोस,पारा-मोहल्ले में नए-नए पॉजिटिव मरीज मिलते जा रहे हैं।ऐसे हालात में पूरे शहर को बिलासपुर के प्रशासन और पुलिस तथा स्वास्थ्य महकमे से निवेदन करना चाहिए कि कृपा कर आप बिलासपुर के लिए बहुत सख्त से सख्त लॉकडाउन के नियम बनाएं। इतना ही नहीं वरन उनका सख्ती से पालन कराएं। यह पूरे शहर की मांग है। ऐसा नहीं करने पर बिलासपुर शहर को कोरोना वायरस कोविड-19 के जबड़े में फंसने से कोई नहीं बचा सकता। यहां न तो अब चौक चौराहों पर पहले की तरह पुलिस की चौकसी दिख रही है।और न ही लोगों के चेहरों पर मास्क तथा सोशल डिस्टेंसिंग का कोई जिम्मेदार नजारा दिख रहा है।

ऐसे में अगर इन बातों के लिए बिलासपुर का जिला व पुलिस प्रशासन,स्वास्थ्य विभाग को साथ लेकर सक्रिय नहीं होता है तो बिलासपुर का भगवान ही मालिक है। आज वो, तो कल वो और उनके बाद पता नहीं आपका-हमारा भी कब नंबर लग जाएगा..! इसलिए कुछ दिनों के लिए अपनी सारी गतिविधियों, उद्योग धंधे, घाटे में चल रहे व्यापार व्यवसायों और नेतागिरी को छोड़कर सारे लोग जिला व पुलिसप्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के जरिए सख्त से सख्त नियम कायदे अपनाकर बिलासपुर को कोविड-19 के संक्रमण के जानलेवा खतरे से बचाने में लग जाएं। और 3 महीने के लॉक डाउन का अनुभव बताता है कि बिना पुलिस के डंडे को देखें हम लोग मास्क भी पहनने को तैयार नहीं। ऐसे में हमारा ऊपर वाला ही मालिक है।

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