सरगांव // मुंगेली जिले की सबसे पुरानी उप-तहसील सरगांव को क्षेत्र के ग्रामीणों नागरिकों ने तहसील का दर्जा देने की मांग छ ग के मुख्यमंत्री एवं राजस्व मंत्री से की है।
ज्ञात हो कि सरगांव मे 4 अगस्त 1997 को तत्कालीन मप्र के मंत्री अशोक राव के कर कमलो से नगर में उप-तहसील का शुभारंभ हुआ था। जो आज तक वहीं का वहीं है। इस अभागी उप-तहसील को बीस साल बाद भी तहसील का दर्जा प्रदेश बनने के बाद किसी सरकार ने नही दिया प्रदेश मे भूपेश बघेल की सरकार द्वारा नई तहसीले बनाने की घोषणा से सरगांव क्षेत्र के किसानों को आस बंधी है, कि सरगांव उप-तहसील को पूर्ण तहसील का दर्जा मिलेगा।
बतादें की की सरगांव उप-तहसील अंतर्गत लगभग डेढ सौ गांव तथा अठारह पटवारी हल्का दो राजस्व निरीक्षक मंडल आते है। जहाँ के किसानों नागरिकों को राजस्व,खेती बाडी से लेकर अनेक कार्य तहसील के माध्यम से होते है। जिस हेतु क्षेत्र के किसानों को बीस से तीस चालीस किमी तय कर पथरिया तहसील जाना पडता है। जिससे किसानों का समय के साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पडता है। क्षेत्र के किसानों नागरिकों ने छग सरकार से सरगांव को पूर्ण तहसील का दर्जा देने की मांग की है। इस हेतु सरगांव उप-तहसील भवन में पूरी सुविधा उपलब्ध है। साथ ही भविष्य मे किसी प्रकार के कार्यालय या अन्य कार्यों के लिए उप तहसील भवन के आगे-पीछे लम्बी चौडी भूमि उपलब्ध है। साथ ही सरगांव नगर पंचायत क्षेत्र थाना, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, महाविद्यालय, शिक्षण संस्थाओं का केंद्र होने के साथ ही नेशनल हाईवे पर प्रमुख स्थान रखता है। इन सबके बावजूद यहां की उप-तहसील को तेईस साल हो गया पर इस ओर किसी मंत्री किसी पार्टी ने ध्यान नही दिया। क्षेत्रवासियो ने कांग्रेस जमाने मे बनी उप-तहसील को कांग्रेस की बघेल सरकार से तहसील का दर्जा देने की मांग की है।
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