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सीपत में पोस्टमार्टम के लिए सुबह से पड़ी है लाश … प्रभारी डॉक्टर ने 12 बजे से अपना फोन कर दिया स्विच ऑफ … दिन भर इंतजार के बाद अब परिजन लाश को पोस्टमार्टम के लिए मस्तूरी अथवा बिलासपुर लाने के लिए मजबूर …

सीपत में पोस्टमार्टम के लिए सुबह से पड़ी है लाश …

प्रभारी डॉक्टर ने 12 बजे से अपना फोन कर दिया स्विच ऑफ …

दिन भर इंतजार के बाद अब परिजन लाश को पोस्टमार्टम के लिए मस्तूरी अथवा बिलासपुर लाने के लिए मजबूर …

बिलासपुर(शशि कोन्हेर) // यहां से कुछ दूर स्थित सीपत गांव की निवासी गुलाब बाई वर्मा पति स्वर्गीय काशीप्रसाद वर्मा (उम्र 72 साल) ने बीती रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसकी सूचना मिलते ही सुबह 10 बजे पुलिस ने वहां पहुंचकर तत्परता के साथ पंच नामा की कार्रवाई की। 12 बजे तक पंचनामा का काम पुलिस ने पूर्ण कर दिया। जबकि मृतिका के शव शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए संबंधित डॉक्टर मरावी को भी पुलिस और परिजनों के द्वारा के द्वारा सुबह 10 बजे ही सूचना दे दी गई। लेकिन उक्त डॉक्टर दोपहर 12 बजे तक तो क्या…अभी 4 बजे तक भी…पोस्टमार्टम के लिए वहां नहीं पहुंचे हैं। जबकि उन्हें सुबह 10 बजे के बाद से 12 बजे तक अनेकों बार फोन किए गए। इसके बावजूद अभी तकपोस्टमार्टम के लिए तैनात सीपत हॉस्पिटल के प्रभारी डॉ मरावी नहीं पहुंचे हैं। और उन्होंने अपना फोन भी स्विच ऑफ कर दिया है। क्षेत्र के भाजपा नेता श्री रवीश गुप्ता ने आरोप लगाया है कि फोन करने पर 11 बजे के आसपास डॉक्टर के द्वारा.. ठीक है मैं आ रहा हूं मेरे पेट्रोल पानी की व्यवस्था करना..यह कहा गया।लेकिन 12 बजे के बाद से डॉक्टर का फोन स्विच ऑफ हो गया। हालत यह है कि अभी 4 बजे पोस्टमार्टम के इंतजार में मृतिका की लाश जस की तस पड़ी हुई है।डाक्टर मरावी सीपत हॉस्पिटल के पोस्टमार्टम प्रभारी हैं। श्री रविश गुप्ता ने आरोप लगाया है कि पोस्टमार्टम के लिए सीपत हॉस्पिटल में तैनात उक्त डॉक्टर के द्वारा हमेशा पीएम के नाम पर मृतकों के परिजनों से रकम की मांग की जाती है। बहरहाल, अब 4 बजे तक डॉक्टर के नहीं आने पर मजबूर और हताश परिजन, लाश को लेकर मस्तूरी अथवा बिलासपुर आने का विचार कर रहे हैं। यहां भी आकर तक अगर उन्हें आते-आते 5 बज गए..तो मृतका का पोस्टमार्टम आज नहीं हो पाएगा। और दुखी व पीड़ित परिजनों को पीएम के बाद शव प्राप्त करने के लिए कल तक का इंतजार करना पड़ सकता है। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को इस मामले की जांच करनी चाहिए तथा अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो संबंधित चिकित्सक पर उचित कार्यवाही भी करनी चाहिए।

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