• Thu. Nov 21st, 2024

News look.in

नज़र हर खबर पर

कोलवाशरी की जनसुनवाई में पहली बार बाउंसर प्रथा की शुरुआत… जनसुनवाई की औपचारिकता पूरी… वकीलों ने थमाया नोटिस…

कोलवाशरी की जनसुनवाई में पहली बार बाउंसर प्रथा की शुरुआत… नियम विरुद्ध जनसुनवाई की औपचारिकता पूरी… वकीलों ने थमाया नोटिस…

बिलासपुर, अप्रैल, 21/2022

बिलासपुर से लगे ग्राम घुटकू में फील कोलवाशरी के विस्तार को लेकर स्कूल में आयोजित जनसुनवाई में सैकड़ो ग्रामीणों की मौजूदगी के बीच बड़ी संख्या में बाउंसरों को बुलाया गया था जो कोलवाशरी के खिलाफ बोलने वालों को धमका रहे थे। पुलिस और प्रशासन मूक दर्शक बने देखती रही और बाउंसरों की मौजूदगी में कोलवाशरी की जनसुनवाई की औपचारिकता पूरी कर ली गयी।

घुटकू स्थित फिल कोल बेनिफिकेशन की कोलवाशरी के विस्तार के लिए सरकारी स्कूल में बुधवार को जनसुनवाई आयोजित की गई। इसके लिए सुबह 10 बजे से जिला प्रशासन के अफसर और पुलिसकर्मी भारी संख्या में वहां पहुंच गए थे। कोलवाशरी संचालक प्रवीण झा और उनका भाई प्रदीप झा भी वहां मौजूद थे। सुबह से स्कूल परिसर में काले पोशाक में 100 से अधिक बाउंसर चहल-पहल कर रहे थे, जो जनसुनवाई में शामिल होने वाले ग्रामीणों से पूछताछ कर रहे थे। जैसे ही जनसुनवाई की घोषणा हुई, बाउंसरों की एक टोली प्रवेश द्बार पर खड़ी हो गई, जिन्हें पुलिस के अफसरों का मूक समर्थन था। ये बाउंसर जनसुनवाई में शामिल होने के लिए पहुंच रहे ग्रामीणों से गेट पर पूछताछ करते दिखे। कोई ग्रामीण थोड़ी ऊंची आवाज में बात करता तो उसके पीछे इशारे से कुछ बाउंसरों को लगा दिया जाता था। कुछ ग्रामीणों के आसपास ढेर सारे बाउंसरों को देख ग्रामीण दहशत में आ गए और विरोध करने पहुंचे ग्रामीण चुपचाप जनसुनवाई की प्रक्रिया देखते रहे। दोपहर 12 बजे से शुरू हुई जनसुनवाई शाम 4 बजे समा’ हुई और जिला प्रशासन के अफसरों ने कोलवाशरी की जनसुनवाई की औपचारिकता पूरी कर ली।

संचालक ने ग्रामीणों को आपस में लड़ाया

बताया जा रहा है कि वाशरी के संचालक ने जनसुनवाई से पहले ही साजिश रच दी थी। जैसे ही कोई ग्रामीण स्कूल परिसर में ऊंची आवाज में बात करता, उसके पास फोन आ जाता था और वह ग्रामीण जैसे ही वहां से बाहर निकलता, कुछ ग्रामीण उससे मारपीट करते थे। इससे घुटकू गांव का माहौल एक समय के लिए खराब हो गया था। संचालक की साजिश ये ग्रामीण समझ नहीं पाए और कोलवाशरी विस्तार की जनसुनवाई पूरी हो गई।

आरटीआई कार्यकर्ता शर्मा को बाहरी करार देकर कराते रहे नारेबाजी..

रायगढ़ जिले के खरसिया निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राधेश्याम शर्मा बुधवार को जनसुनवाई का विरोध करने पहुंचे थे। वे कोलवाशरी के दंश से भली-भांति परिचित हैं। इसलिए वे ग्रामीणों को जागरूक करने आए थे। जैसे ही उन्होंने माइक थामकर कोलवाशरी के विस्तार होने से ग्रामीणों को होने वाली समस्या के बारे में बोलना शुरू किया, वाशरी के खरीदे गए ग्रामीणों ने उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। ग्रामीणों का कहना था कि प्लांट का विस्तार होने से उन्हें रोजगार मिलेगा। इससे उनका जीवन स्तर सुधर जाएगा। वो अपने गांव में प्लांट का विस्तार चाहते हैं। यह उनकी समस्या है। इसलिए वे यहां से चले जाएं। यही वजह है कि बात पूरी करने से पहले से चले गए।

परिवहन के लिए नहर की रोड का इस्तेमाल, वकीलों ने थमाया नोटिस…

जनसुनवाई के दौरान कुछ ग्रामीणों की ओर से वकील भी आए थे, जिन्होंने जनसुनवाई करने वाले अफसर को नोटिस दिया। उनका कहना था कि कोलवाशरी विस्तार की जनसुनवाई नियम विरुद्ध की जा रही है। इस वाशरी तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं है। परिवहन के लिए जिस रास्ते का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह नहर का रास्ता है और इसमें हैवी वाहन चलने पर रोक है। इसके अलावा ग्रामीणों ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिस पर अभी सुनवाई चल रही है। इसलिए यह जनसुनवाई नहीं की जा सकती।

जनसुनवाई में पहली बार बाउंसर प्रथा की शुरुआत…

बिलासपुर जिले में कारखाना स्थापित करने के लिए सालों से जनसुनवाई आयोजित की जा रही है। अब तक के अनुभव से यह कहा जा सकता है कि जिला व पुलिस प्रशासन की ओर से कारखाना के मालिक को मूक समर्थन मिलते रहा है। बिलासपुर जिले के इतिहास में यह पहली मर्तबे है, जब इस जनसुनवाई में बाउंसरों का इस्तेमाल किया गया। पहली बार शुरू हुई यह बाउंसर प्रथा अब क्या गुल खिलाएगी, यह तो भविष्य के गर्भ में हैं, लेकिन इन बाउंसरों की धमकी-चमकी से ग्रामीणों में अब भी दहशत है। बताया जा रहा है कि इन बाउंसरों को कोलवाशरी के मालिक की ओर से राजनीतिक पार्टी से जुड़े एक दलबदलू नेता ने किराए पर लाया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *