पुलिस की लापरवाही ने ली पिता-पुत्र की जान ,,
आरोपी पुलिस के हिरासत में होते तो नहीं जाती दो लोगों की जान ,,
मृतक के बेटे ने बुधवार की रात लिखाई थी रिपोर्ट ,,
बिलासपुर (कमलेश शर्मा) // जिले के मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम कर्रा में पुलिस की उदासीनता ने पिता पुत्र के जान ले ली । आरोपियों ने बुधवार की रात 8:00 बजे मृतक के पुत्र व पत्नी पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया था । रात में ही घटना की मस्तूरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी । मस्तूरी पुलिस ने धारा 307, 34 का अपराध दर्ज किया किंतु आरोपियों को पकड़ने रात में नहीं गया । इस उदासीनता के कारण आरोपियों ने बेटे से मारपीट का कारण पूछ रहे पिता उसके एक बेटे की फरसा मारकर दिन दहाड़े निर्मम हत्या कर दी । दोहरे हत्या के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया है तीसरा आरोपी फरार हो गया है।
सूत्रों के मुताबिक मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम कर्रा निवासी शिवलाल केवट पिता सोनू लाल केवट उम्र 22 वर्ष जोकि तिफरा में वाहन मैकेनिक का काम करता है । वह बुधवार की रात 8 बजे अपने घर के सामने बैठा था। उसी समय पड़ोसी दिलीप केवट व धर्मेंद्र केवट आए वह कहां की तुम मेरी बहन के साथ गलत काम कर रहे हो व गाली गलौज करने लगे । गाली देने से मना करने पर दोनों भाई कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। शिवालाल की मां सीताबाई बीच-बचाव करने आई तो आरोपियों ने उस पर भी वार कर दिया । रात में ही शिवालाल ने मस्तूरी थाना में वारदात की रिपोर्ट लिखाई। पुलिस ने धारा 307, 34 के तहत अपराध दर्ज किया। गंभीर अपराध दर्ज होने के बावजूद पुलिस रात में गांव नहीं गई ।
गुरुवार की सुबह शिवालाल लाल का पिता सोनू लाल केवट उम्र 60 वर्ष तालाब की ओर गया था जहां आरोपी दिलीप केवट से उसकी मुलाकात हुई। उसने आरोपी दिलीप केवट से बेटे शिवालाल को मारने के संबंध में पूछताछ की । वह कारण जानना चाहा । इस बात पर दिलीप उसके साथ मारपीट करने लगा दिलीप का भाई धर्मेंद्र केवट , मनोज केवट तीनों मिलकर सोनू लाल पर तब्बल, लाठी से हमला कर दिए । पिता को मार खाते थे उनका पुत्र सेवा लाल केवट उम्र 25 वर्ष बीच-बचाव करने आया। तब तीनो ने उसकी भी मौके में हत्या कर दी । रात को हुए वारदात के बाद दोहरे हत्या की सूचना मिलते ही मस्तूरी पुलिस सक्रिय हुई । मौके में पहुंचकर आरोपी दिलीप व धर्मेंद्र को गिरफ्तार किया गया , वहीं तीसरा आरोपी मनोज केवट फरार हो गया है । गांव में हुए इस दोहरे हत्याकांड के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगा है। ग्रामीणों के अनुसार रात को हुए मारपीट की सूचना मिलते ही अगर पुलिस आती तो आरोपी कुछ शांत हो सकते थे।
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