नई दिल्ली // कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के मकसद से देश में लागू 21 दिन के लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल को खत्म हो जाएगी। मोदी सरकार की ओर से ये स्पष्ट भी कर दिया गया है कि लॉकडाउन की अवधि आगे बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है। ऐसे में खबरें सामने आईं कि रेल सेवाएं भी 15 अप्रैल से बहाल हो सकती है। रेलवे बुकिंग शुरू होने से इस अफवाह को और अधिक बल मिला। हालांकि, वरिष्ठ अधिकारियों ने इसका खंडन करते हुए कहा है कि कोई भी नए आदेश जारी नहीं किए गए हैं।
भारतीय रेलवे की ऑफिशियल वेबसाइट पर फ्लैश हुए मैसेज ने सारी सच्चाई सामने रख दी। मैसेज भी स्पष्ट कहा गया है कि रेल सेवाओं को बहाल करने पर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है और इस पर फैसला कुछ ही दिनों में लिया जाएगा। गौरतलब है कि 24 मार्च से लॉकडाउन लागू होते ही देशभर में रेलवे ने 13,523 ट्रेनों की सेवाओं को 21 दिनों के लिए निलंबित कर दिया था। हालांकि इस दौरान मालगाड़ियां चल रही हैं।
रेल सेवाएं शुरू होते ही भीड़ होना तय, विकल्प जरूरी …..
लॉक डाउन के कारण देश के ज्यादातर हिस्से में हजारों लोग फंसे हैं। परिस्थिति सामान्य होते ही आम लोगों के साथ ऐसे लोग भी ट्रेनों में उमड़ेंगे जिससे भीड़ काफी बढ़ेगी। इसके मद्देनजर रेलवे विकल्प तलाश रही है। रेल अधिकारियों के अनुसार, एक साथ सभी ट्रेनों के चलने की संभावना कम है। भीड़ नियंत्रण के लिए अलग-अलग रूटों की ट्रेनों को अलग-अलग दिन चलाने का निर्णय लिया जा सकता है। संभावना है कि ट्रेनों की बुकिंग के अनुसार उन्हें चलाया जाएगा, जिस ट्रेन की बुकिंग ज्यादा है, उसे चलाया जाएगा और कम बुकिंग वाले ट्रेनों को नियमित न चलाकर उनके फेरे में कटौती की जा सकती है। जिन ट्रेनों को यात्री नहीं मिल रहे हैं, उन्हें फिलहाल बंद भी रखा जा सकता है।
ड्यूटी ज्वॉइन कर सकते हैं रेलवे कर्मी ….
समाचार एजेंसी पीटीआइ ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि सभी रेलवे सुरक्षाकर्मियों, स्टाफ, गार्ड, टीटीई और अन्य अधिकारियों से कहा गया है कि वे 15 अप्रैल से अपनी ड्यूटी ज्वॉइन करने के लिए तैयार हो जाएं। सूत्रों के मुताबिक सभी 17 रेलवे जोन को तैयारियां करने के लिए संदेश भेजे गए हैं।
“आम तौर पर जिन स्टेशनों से ज्यादा ट्रेनें खुलती हैं, वहां भीड़ की ज्यादा समस्या होगी। धनबाद से खुलने वाली ट्रेनें कम ही हैं। वैसे भी त्योहारी सीजन की भीड़ से निपटने का अनुभव आरपीएफ के पास है। बावजूद अगर भीड़ नियंत्रण की जरुरत होगी तो आरपीएसएफ की मदद ली जाएगी।” हेमंत कुमार, सीनियर कमांडेंट, आरपीएफ ।
( साभार जेएनएन )
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