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नवजात शिशु की मौत… अस्पताल प्रबंधक पर परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप…

नवजात शिशु की मौत… अस्पताल प्रबंधक पर परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप…

बिलासपुर, सितंबर, 25/2022

हमेशा विवादों में रहने वाले केवल केयर एंड क्योर अस्पताल ने ली फिर एक मासूम बच्ची की जान लंबे समय से विवादों में रहने के बाद भी नहीं सुधर रहा अस्पताल प्रशासन जान के साथ खेलना अस्पताल प्रबंधन का शौक बन गया है।

दरअसल,पेंड्रा के अमरपुर निवासी मनीष सोनी ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए देवकीनंदन चौक बिलासपुर स्थित केयर एंड क्योर अस्पताल के चिकित्सक और प्रबंधन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि चिकित्सकों की लापरवाही के चलते उनकी नवजात पुत्री की मौत हो गई । मनीष सोनी की पत्नी काजल सोनी को डिलीवरी के लिए 16 सितंबर को केयर एंड क्योर अस्पताल में भर्ती किया गया था।

उसी दिन काजल ने एक बेटी को जन्म दिया था। जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ बताए जा रहे थे, लेकिन 17 सितंबर को बच्ची को उल्टी हुई, जिस पर अस्पताल के चिकित्सकों ने इलाज किया और बच्ची को ठीक बताया, लेकिन 19 सितंबर की शाम को बच्ची की तबीयत अचानक फिर से खराब हो गई । जिसके पास बाद केयर एंड क्योर अस्पताल के चिकित्सकों ने हाथ खड़े कर दिए और किसी शिशु रोग विशेषज्ञ के पास बच्चे को ले जाने की बात कही। इसके बाद मनीष सोनी बच्ची को लेकर सृष्टि अस्पताल के डॉक्टर रुपेश अग्रवाल के पास पहुंचे, जिन्होंने जांच के बाद बताया कि उन्होंने बच्ची को उनके पास लाने में देर कर दी है।

बच्चे को जो पाउडर वाला दूध पिलाया गया था,वह उसके फेफड़े में जम गया था। बच्ची के पिता के अनुसार यह दूध भी केयर एंड क्योर अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा लिखा गया था। अब मनीष सोनी आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने केअर एंड क्योर अस्पताल को किसी शिशु रोग विशेषज्ञ को बुलाने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया जिसके चलते उनकी पुत्री की मृत्यु हुई है। इसके पीछे अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का आरोप लगाते हुए सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है । उन्होंने प्रमाण के तौर पर एक वीडियो सीडी भी पुलिस को उपलब्ध कराई है।

“मुझे इस केस के बारे में जानकारी नही है, मैं क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट हूं, मुझे जानकारी नही है संबंधित चिकित्सक ही इसका जवाब दे सकते है। ऐसी कोई गलती होती है किसी भी अस्पताल ने तो उसकी जांच होनी चाहिए।

डॉ. सिद्दार्थ वर्मा ( डायरेक्टर केयर एन क्योर हॉस्पिटल)”

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