• Fri. May 9th, 2025

News look.in

नज़र हर खबर पर

रामवन पथ गमन के सहारे सनातन धर्म और संस्कृति की जागृत आस्था का राजनीतिजक उपयोग कर रही प्रदेश सरकार – पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल

रामवन पथ गमन के सहारे सनातन धर्म और संस्कृति की जागृत आस्था का राजनीतिजक उपयोग कर रही प्रदेश सरकार – पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल

बिलासपुर, मई, 28/2023

राम के नाम का विज्ञापनी सहारा लेने वाली सरकार की भगवान राम के बहाने रामायण में कितनी आस्था रखती है इसका उदाहरण सहित व्याख्यान फुल पेज की कलरफुल समाचार और होर्डिंग्स में देखा जा सकता है। राम वन पथ गमन मान्यताओ के अनुसार धार्मिक आस्था के महत्व में वे इलाके जहां से वनवास के दौरान भगवान राम सीता होकर गुजरे थे या पड़ाव डाला था। रामायण के मुताबिक भगवान राम ने वनवास का वक्त दंडकारण्य में बिताया। कोरिया जिले से सुकमा तक राम वन गमन पथ के कुल लम्बाई लगभग 2260 किलोमीटर है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में राम के वनवास काल से संबंधित 75 स्थानों को चिन्हित कर उन्हें नये पर्यटन सर्किट के रुप में आपस में जोड़ा जा रहा है। पहले चरण में उत्तर छत्तीसगढ़ में स्थित कोरिया जिले हर चौका से लेकर दक्षिण के सुकमा जिले तक 9 स्थानों का सौंदर्यीकरण तथा विकास किया जाना है।

राम वन गमन पथ के प्रथम चरण के लिए नौ स्थान चिह्नित किए गए हैं। इनमें सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (अंबिकापुर), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी) राजिम, सिहावा-साऋषि आश्रम, जगदलपुर शामिल है। सीतामढ़ी के बाद जांजगीर जिले में शिवरीनारायण के महामात्य से सभी जानते हैं। जांजगीर चांपा जिले के इस स्थान पर रुककर भगवान राम ने शबरी के जूठे बेर खाए थे। यहां जोक, महानदी और शिवनाथ नदी का संगम है। यहां नर-नारायण और शबरी का मंदिर भी है।

हिंदुत्व के जरिए वैतरणी पार करने के चक्कर में प्रदेश की सरकार अपने विज्ञापन एवं होर्डिंग्स में शिवरीनारायण के महामात्य की अवहेलना कर रही है। वरिष्ठ कांग्रेसी जन भी राज्य इकाई की कार्यशैली से स्तब्ध है। वास्तव में रामवनपथ गमन के सहारे प्रदेश की सरकार राजनीतिक लाभ के लिए श्री राम को आत्मसात करने का दिखावा कर रही है। उन्होंने कहा जो लोग भगवान राम को काल्पनिक मानते थे, वे सनातन धर्म और संस्कृति की जागृत आस्था का उपयोग राम वन गमन के सहारे सत्ता की चाबी ढूंढने के लिए कर रहे हैं, छत्तीसगढ़ के लोग यह भलीभांति जानते है।

Author Profile

Lokesh war waghmare - Founder/ Editor

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed