पात्रता निर्धारित होते तक इंक्रीमेंट रिकवरी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक ,,
बिलासपुर // इंक्रीमेंट देने के बाद उक्त आदेश वापस लेकर वेतन वृद्धि की रकम वसूली के आदेश पर हाइकोर्ट ने रोक लगाई है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता हेडमास्टर को निर्देशित किया है कि वे सम्बंधित ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के समक्ष अपने दस्तावेजों सहित पात्रता आवेदन प्रस्तुत करें, मामला निराकृत होते तक तक उनसे शासन रिकवरी नहीं कर सकेगा।
बलौदाबाजार के प्राइमरी स्कूल में हेडमास्टर धनेश कुमार वर्मा ने नौकरी पाने के पहले ही डीएड किया था। इस आधार पर राज्य शासन ने उनको दो वेतनवृद्धि दी थी। इसी बीच मार्च 2020 में शासन ने आदेश जारी कर दिया कि शिक्षक पद के लिए बीएड, डीएड निर्धारित योग्यता है, इसके लिए अलग से इंक्रीमेंट देने की जरूरत नहीं है। इस आधार पर किए गए इंक्रीमेंट पर रोक लगाते हुए पूर्व में किए गए इंक्रीमेंट की रकम भी सम्बंधित शिक्षकों से वसूली के आदेश कर दिए। इसके खिलाफ़ धनेश कुमार ने वकील आरके केशरवानी के माध्यम से याचिका दायर कर कहा कि इसके पूर्व बीएड डीएड प्रशिक्षित लगभग 400 शिक्षकों ने इंक्रीमेंट न मिलने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने उनको इंक्रीमेंट देने का आदेश किया था। शासन सुप्रीम कोर्ट गया तो वहां भी यह आदेश बरकरार रखा गया। आदेश के बाद भी इंक्रीमेंट रोकना और उसकी रिकवरी गलत है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने रिकवरी पर रोक लगाते हुए पात्रता सम्बन्धी आवश्यक दस्तावेज ब्लॉक शिक्षाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश याचिकाकर्ता को दिए हैं।
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