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मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों को राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा जेईई और नीट में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा केन्द्रों तक ले जाने और वापस लाने के लिए दिए निःशुल्क परिवहन की व्यवस्था करने के निर्देश …

मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों को राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा जेईई और नीट में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा केन्द्रों तक ले जाने और वापस लाने के लिए दिए निःशुल्क परिवहन की व्यवस्था करने के निर्देश …

हर जिले में परीक्षार्थियों की संख्या के आधार पर की जाए बस, मिनी बस, जीप की व्यवस्था , सभी जिलों में व्यवस्था के लिए नियुक्त किए जाएं नोडल अधिकारी …

परीक्षार्थी नोडल अधिकारियों के मोबाईल नंबर पर करा सकेंगे अपना रजिस्ट्रेशन ,छात्राओं के साथ उनके एक अभिभावक को होगी यात्रा की अनुमति …

वाहन में यात्रा के लिए एडमिट कार्ड दिखाने पर मिलेगी अनुमति …

रायपुर, 30 अगस्त // मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी जिला कलेक्टरों को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जा रही प्रवेश परीक्षाओं जैसे आईआईटी जेईई (JEE) तथा नीट (NEET) परीक्षा के परीक्षार्थियों को उनके परीक्षा केन्द्रों तक लाने और उनकी वापसी के लिए निःशुल्क परिवहन की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने जिला कलेक्टरों को जारी निर्देशों में कहा है कि परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या के आधार पर आवश्यकतानुसार बस, मिनीबस, जीप आदि वाहनों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों को इसके लिए जिला नोडल अधिकारी नियुक्त करने और क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) तथा जिला परिवहन कार्यालय (डीटीओ) से इस संबंध में समन्वय करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को जारी निर्देश पर कहा है कि लॉकडाउन के कारण बस सेवा संचालित नहीं हो रही है। अतः बस ऑपरेटरों से तत्काल बसों की व्यवस्था कराई जाए। आईआईटी जेईई (JEE) परीक्षा 1 सितम्बर से आयोजित की जा रही है, इसलिए परीक्षार्थियों के लिए बसें 31 अगस्त से चलानी होगी। राज्य में लगभग 13 हजार 500 परीक्षार्थी इस परीक्षा में शामिल होंगे। प्रदेश में इस परीक्षा के लिए 5 केन्द्र बनाए गए हैं। भूपेश बघेल ने निर्देशों में कहा है कि कई परीक्षार्थी स्वयं की व्यवस्था से परीक्षा देने जा रहे होंगे, लेकिन शेष परीक्षार्थियों के लिए प्रशासन द्वारा व्यवस्था की जाएगी। परीक्षा में शामिल हो रही छात्राओं के साथ उनके एक अभिभावक को भी यात्रा की अनुमति होगी, यात्रा निःशुल्क होगी और इसके लिए कोई राशि नहीं ली जाएगी। इसका व्यय राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा ।

परिवहन वाहन में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य रूप से किया जाए। परीक्षार्थियों को वाहन में यात्रा के लिए अपने एंन्ट्रेंस एक्जाम का प्रवेश पत्र (एडमिट कार्ड) दिखाना ही पर्याप्त होगा। प्रवेश पत्र दिखाने पर परीक्षार्थियों को वाहन में यात्रा की अनुमति दी जाए। मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों को परिवहन व्यवस्था के लिए नियुक्त किए जाने वाले स्थानीय अधिकारियों के मोबाईल नंबर का प्रचार-प्रसार मीडिया में तत्काल करने के निर्देश दिए हैं, जिससे परीक्षार्थी परीक्षा केन्द्रों तक जाने और वापस आने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा सके। जारी निर्देशों में यह भी कहा गया है कि परीक्षार्थियों की संख्या कम होने पर जीप और मिनी वेन जैसे वाहनों की भी व्यवस्था की जा सकती है।

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Lokesh war waghmare - Founder/ Editor
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