बिलासपुर, सितंबर, 09/2025
बिलासपुर में कांग्रेस का ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ अभियान फुस्स – 25 हजार भीड़ के दावों की निकली हवा, पायलट का भाषण सुनते ही खाली हुई कुर्सियां, फिर से दिखी गुटबाजी, जाम में फंसी एंबुलेंस, सभा में महिला बेहोश, युवकों में जमकर मारपीट…

बिलासपुर। कांग्रेस ने जिस धूमधाम से ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ अभियान की शुरुआत बिलासपुर से की थी, वह अभियान कांग्रेस के लिए उल्टा सिरदर्द साबित हुआ।
नेताओं ने 25 हजार की भीड़ जुटाने का दावा किया था, लेकिन हकीकत में मंच के सामने आधी से ज्यादा कुर्सियां खाली रह गईं।
भीड़ जुटाने के दावे की पोल खुली…

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ और छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट जैसे बड़े नेताओं की मौजूदगी के बावजूद कार्यकर्ताओं ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। जब पायलट भाषण देने खड़े हुए तो महिला कार्यकर्ता तक सभा छोड़कर जाने लगीं। ऐसा लग रहा था बैठे बैठे नेताओं का इंतजार करते भीड़ ऊब सी गई है। यहां तक कि कका और बैजू भैया के भाषणों के दौरान भी सामने की कुर्सियां खाली पड़ी रहीं।
सचिन पायलट का भाषण बना बेअसर…
पायलट का संबोधन ऐसा था कि कार्यकर्ताओं को रोक पाने में नाकाम रहा। नारेबाजी तो दूर, लोग उठकर बाहर निकलते रहे। भीड़ संभालने के दावे हवा हो गए।
फिर से गुटबाजी हावी – कांग्रेस में अंदरूनी कलह उजागर, कांग्रेस की राजनीति में गुटबाजी कोई नई बात नहीं है।

चाहे विधानसभा चुनाव, लोकसभा या फिर नगरीय निकाय चुनाव, हर बार पार्टी के भीतर खींचतान खुलकर सामने आती रही है। ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ सभा में भी यही तस्वीर देखने को मिली। जगह-जगह लगाए गए पोस्टरों में जिला और शहर अध्यक्षों की तस्वीरें नदारद रहीं। कई स्थानीय नेताओं की फोटो गायब होने से यह साफ हो गया कि कांग्रेस में गुटबाजी अभी भी चरम पर है। कार्यक्रम मंच पर भले ही एकता का दावा किया गया हो, लेकिन पोस्टर-पॉलिटिक्स ने कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई को फिर बेनकाब कर दिया।
जाम ने बिगाड़ा हाल, एंबुलेंस फंसी…
सभा खत्म होते ही सड़क पर भीषण जाम लग गया। नेताओं और कार्यकर्ताओं की गाड़ियां सड़क पर खड़ी कर दी गईं। सबसे शर्मनाक स्थिति तब बनी जब एक एंबुलेंस घंटों जाम में फंसी रही, लेकिन कांग्रेसियों ने उसे रास्ता देना जरूरी नहीं समझा। आम लोग गर्मी में भीषण परेशानी झेलते रहे।
युवकों में मारपीट, लात-घूंसों से मचा हंगामा…
युवा कांग्रेस और एनएसयूआई नेताओं ने भीड़ तो जरूर लाई, लेकिन सभा खत्म होते ही भीड़ में कुछ युवकों के बीच विवाद छिड़ गया। सड़क पर ही युवकों ने एक-दूसरे पर लात-घूंसे बरसाए। मारपीट का नजारा देख लोग दहशत में आ गए। नेताओं या कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने झगड़ा शांत कराने की कोशिश तक नहीं की।
महिला हुई बेहोश, इंतजाम शून्य
गर्मी और धूप में घंटों बैठाई गई भीड़ के लिए न तो पानी की व्यवस्था थी और न ही खाने की। नतीजा – सभा के दौरान एक महिला बेहोश होकर गिर पड़ी। चौंकाने वाली बात यह रही कि उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं था। कांग्रेस का पूरा फोकस केवल मंच पर भाषणबाजी तक ही सीमित रहा।
राजनीतिक असर…
बिलासपुर से कांग्रेस ने केंद्र और मोदी सरकार पर सीधा हमला करने की कोशिश की, लेकिन हकीकत यह रही कि कांग्रेस का यह अभियान स्वयं कांग्रेस के लिए शर्मिंदगी का कारण बन गया। जहां नेताओं के भाषण बेअसर रहे, वहीं अव्यवस्था, जाम, मारपीट और महिला कार्यकर्ता के बेहोश होने की घटनाओं ने पूरे कार्यक्रम को नाकाम और फ्लॉप साबित कर दिया।
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