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सरकार की बेरुखी एवं क्रियान्वयन एजेंसी की लच्चर कार्यशैली से ही स्मार्ट शहर की परिकल्पना होने लगी बदरंग- अमर अग्रवाल… विकास खोजों अभियान में गायत्री नगर, प्रियदर्शनी नगर वार्ड पहुंचा पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल का जत्था…

सरकार की बेरुखी एवं क्रियान्वयन एजेंसी की लच्चर कार्यशैली से ही स्मार्ट शहर की परिकल्पना होने लगी बदरंग- अमर अग्रवालविकास खोजों अभियान में गायत्री नगर, प्रियदर्शनी नगर वार्ड पहुंचा पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल का जत्था

बिलासपुर, जनवरी, 04/2023

पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता अमर अग्रवाल के नेतृत्व में विकास खोजों अभियान का जत्था वार्ड क्रमांक 11 गायत्री नगर एवम वार्ड क्रमांक 20 प्रिय दर्शनी नगर पहुंचा। वार्ड वासियों ने पूर्व मंत्री एवं भाजपा पदाधिकारियों को अपने पार्षद एवं माहापौर के चुनाव बाद से गायब होने के साथ समस्याओ को साझा किया। अमर अग्रवाल ने जन समस्या शिविर के दौरान वार्ड वासियों से कहां कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप 2018 में आने वाली पीढ़ी की पांच दशकों के आवश्यकता की अनुसार आधुनिक तकनीक एवं सुविधाओं से युक्त शहरी नियोजन अंर्तगत देश के स्मार्ट शहरों में नवा रायपुर और रायपुर सहित हमर बिलासपुर स्मार्ट सिटी की सौगात शहर वासियों को मिली। कुल परियोजना लागत में 1047.59 करोड़ अधोसंरचना विकास के लिए, पेयजल हेतु 103 करोड़ हाउसिंग प्लान हेतु लगभग 20 करोड, उत्थान कार्यक्रम के लिए 662 करोड़, ग्रीन बेल्ट विकास कमर्शियल कंपलेक्स मार्केट हेतु 1283 करोड़, परिवहन व्यवस्था हेतु 634 करोड़ों रुपए, इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम है हेतु 210 करोड़ों रुपए, बिलासपुर सिटी ऑपरेशन सिस्टम के लिए ₹94 करोड़ बने बिलासपुर सांस्कृतिक जागरूकता अभियान के लिए 25.50 करोड़ सहित कुल लगभग 4000 करोड़ों रुपए की राशि का प्रावधान स्मार्ट सिटी बिलासपुर के लिए खर्च किया जाना तय किया गया था ।

स्मार्ट सिटी के अंतर्गत शहर के मध्य क्षेत्र के 20 वार्ड शामिल किये गए । योजना क्षेत्र की सीमाएं रायपुर बिलासपुर रोड से शुरू होकर महाराणा प्रताप चौक,  मंदिर चौक, राजेंद्र नगर, नेहरू चौक, , सिम्स चौक, कोतवाली चौक, शिव टॉकीज चौक, टिकरापारा चौक, वीआर प्लाजा चौक, व्यापार विहार चौक, भारतीय नगर चौक एवं महाराणा प्रताप नगर चौक तक होंगी। कुल लागत अंतर्गत पांच वर्षों में केंद्र और राज्य सरकार से 500-500 करोड़ रुपए ,1100 करोड़ रुपए चौदहवें वित्त आयोग तथा केंद्र सरकार की हाउसिंग फॉर ऑल सहित अन्य योजनाओं से एवं पीपीपी मॉडल आम लोगों की भी हिस्सेदारी भी लक्षित की गई।

अमर अग्रवाल ने बताया 5 वर्षों की निर्धारित समयसीमा में 24 घंटे जलपूर्ति, सौर ऊर्जा आधारित विद्युत उत्पादन, मीटरिंग प्रणाली, सीवेज और बरसाती पानी का पुर्न:चक्रण ,घर घर में शौचालय , विश्व स्तरीय सार्वजनिक प्रसाधन की सुविधा ,कचरे का वैज्ञानिक विधि से निबटान,रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, तालाबों को जीर्णोद्धार तथा हरित क्षेत्र विकास सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच के लिए सुदृढ़ अधोसंरचना का विकास तथा नगरीय सेवाओं का कंप्यूटरीकरण,पैदल यात्रियों एवं दिव्यांग जन के लिए विशेष सुविधायुक्त मार्गों का विकास,प्रदूषण मुक्त शहरी यातायात के लिए पैदल मार्ग, साइकिलिंग और ई रिक्शा पथ ,विश्व स्तरीय स्वचलित शहरी यातायात प्रणाली के लिए प्रयोजन, आधुनिक पार्किंग क्षेत्र का निर्माण,हरित क्षेत्र, खुले क्षेत्र, खेल मैदान, तालाबों आदि का सौंदर्यीकरण, उपयोग एवं रखरखाव की प्रणाली,बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों की विशेष सुरक्षा के साथ आमजनों की सुरक्षा की विशेष व्यवस्था,नागरिक परामर्श, सिटीजन लोगो तथा सिटी ब्रांडिंग से युक्त अतिरिक्त स्मार्ट सुविधाओं का विकास,प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 3744 आवास ,जनता शौचालय,
सामुदायिक भवन व ऐप, फुट ओवर ब्रिज एवं लाइव ओवर ब्रिज बिलासा पथ निर्माण,नए 500 ई रिक्शा का संचालन, बायो गैस प्लांट,स्लम एरिया हेतु आबादी के अनुपात भूमि चयन विकासात्मक गतिविधियों से संबंधित आदि सैकड़ों कार्यों का डीपीआर बनाकर सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराना आरंभ कराया गया।

उन्होंने कहां 2019 से कांग्रेस सरकार आते ही स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के बड़े काम दरकिनार कर दिए गए नए काम जोड़कर खानापूर्ति की जा रही है। मल्टीप्लेक्स कमर्शियल काम्प्लेक्स, स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम और सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना धरी की धरी रह गई है।जनता को ट्रैफिक के जंजाल से मुक्ति दिलाने वाली आईटीएमएस की योजना अब तक अटकी हुई है। नए जुड़े कार्यों में अरपा के किनारे 1800-1800 मीटर रोड और नाली निर्माण की कछुआ गति से चल रही है। मच्छरों से मुक्ति, रेंट ए साइकल की योजना ड्राप कर दी गई।दिसंबर 2022 तक बिलासपुर स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत महज 15 से 20 % काम हो पाए है। लागत विश्लेषण के आधार सतत विकास के लिए केंद्र सरकार ने भी अल्टीमेटम जारी कर जून 2023 तक समय अवधि दिए जाने के बावजूद कार्यों में प्रगति नही आ रही है। कंसल्टेंट की नियुक्ति ,कई टेंडर में अपेक्षित कंपनियों ने दिलचस्पी नही लेने से स्मार्ट सिटी की कई महत्वाकांक्षी योजनाएं गायब हो गई है और कुछ फाइलों में चल रहीं। पद्मश्री पं श्यामलाल चतुर्वेदी स्मार्ट रोड, सेंट्रल लाइब्रेरी में इन्क्यूबेशन सेंटर, डिजिटल लाइब्रेरी, कुछ जगहों पर शहर मुफ्त वाईफाई ,व्यापार विहार स्मार्ट रोड, रिवर व्यू ,प्लेनेटोरियम, नेहरू चौक से मुंगेली नाका चौक तक रोड के चौड़ीकरण, सौंदर्यीकरण का कार्य में अधिकांश भाजपा के शासनकाल में शुरू हुए।30 से 40 फीसदी कार्य प्रक्रियाधीन हैं और इतनी ही योजनाओं की फाइल मूव तक नहीं हो पाई है। केवल यूटिलाइजेशन भेजकर राशि आहरण का खेल खेला जाता रहा। स्मार्ट सिटी हेतु प्राथमिकता आधारित अधिकांश प्रोजेक्ट अनावश्यक लंबित किए गए।तय समय सीमा में काम पूरा ना होने पर प्रोजेक्ट के अटकने का खतरा मंडराने लगा है।

केंद्र सरकार ने बिलासपुर शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिए जाने से अब तक अरबो रूपए विकास कार्य के लिए स्वीकृति प्रदान की गई । प्रदेश सरकार की स्मार्ट सिटी के उन्नयन और विकास में कोई रुचि नहीं है,राज्यांश नही मिलने परियोजना विलंब से चल रही है, अफसरों के ढूलमुल रवैए के कारण बिलासपुर शहर अब तक स्मार्ट नहीं बन पाया है। 2018 से लेकर अब तक स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत किए जा रहे कार्यो में बीते चार साल के दौरान एक तिहाई प्रोजेक्ट भी पूरा नहीं हो पाया है। प्रदेश के तीन स्मार्ट शहर बिलासपुर के लिए रायपुर और नवा रायपुर की स्थिति कमोबेश एक जैसी है। श्री अमर अग्रवाल ने कहा अफसर और ठेकेदार जनप्रतिनिधियों के साथ मिलीभगत करके स्मार्ट सिटी के फंड का दुरुपयोग कर रहे हैं अरबों रुपए की विकास परियोजना समय पर पूरी नहीं होने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी , सरकार की बेरुखी एवं क्रियान्वयन एजेंसी की लच्चर कार्यशैली से ही स्मार्ट शहर की परिकल्पना बदरंगी होने लगी है।कल विकास खोजों अभियान के अंतर्गत वार्ड क्रमांक 21 निराला नगर 22 आजाद नगर 41 शंकर नगर विकास खोजो अभियान एवं जन समस्या शिविर आयोजन किया जावेगा।

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