पहली बार अपोलो के 4 वरिष्ठ डाक्टरों के खिलाफ चालान पेश… जानिए क्या है पूरा मामला…
बिलासपुर, अप्रैल, 20/2024
अपोलो में युवक की इलाज के दौरान मौत के मामले में सरकंडा पुलिस ने डॉक्टरों के खिलाफ न्यायालय में 19 अप्रैल को चालान पेश कर दिया है। दिवंगत गोल्डी छाबड़ा उर्फ गुरुवीन सिंह छाबड़ा के असमयिक एवं अप्राकृतिक मृत्यु अपोलो अस्पताल प्रबंधन तथा उसके चिकित्सकों के विरूद्ध पुलिस थाना सरकण्डा में 7 अक्टूबर 2023 को हाई कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई थी।
आदर्श नगर निवासी गोल्डी छाबड़ा के परिजन ने बताया था कि पेट में दर्द होने पर इलाज के लिए अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया था। अस्पताल में डॉक्टर देवेंद्र सिंह, डॉ. मनोज राय, डॉ. भांजा और डॉ. केडिया ने जांच कर इलाज किया। इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई। वहीं डॉक्टरों ने संदिग्ध हालात में मौत बताया और पुलिस को मेमो भेज दिया।
एक्सपर्ट व्यू पर कोर्ट ने दिए थे कार्रवाई के निर्देश…
सरकंडा पुलिस ने मर्ग कायम कर सिम्स में पीएम कराया। मामले में बिसरा फ्रिजर्व कर जांच के लिए लैब भेजा गया। बेटे की मौत का सही कारण नहीं मिलने पर मृतक गोल्डी के पिता ने हाई कोर्ट में याचिका पेश की। हाई कोर्ट ने एक्सपर्ट व्यू माँगा। इसमें उपचार करने वाले डॉक्टरों ने किस बीमारी का इलाज किए इसका उल्लेख नहीं करने व डॉक्टर्स की लापरवाही करने रिपोर्ट पेश किया। एक्सपर्ट व्यू पर कोर्ट ने पुलिस को कार्रवाई का निर्देश दिया था।
पुलिस ने किया कोर्ट में चालान पेश…
कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने अपोलो के डाक्टर्स के खिलाफ जुर्म दर्ज कर मुचलका में छोड़ा था। पुलिस ने 19 अप्रैल को डॉक्टर देवेंद्र सिंह, डॉ मनोज राय, डॉ केडिया व डॉ भांजा के खिलाफ जिला न्यायालय में चालान पेश किया है।
पीएम, मंत्री, पुलिस के बड़े अधिकारीयों से लगाई थी न्याय की गुहार….
अपोलो हॉस्पिटल के डॉक्टरों की लापरवाही से हुए गोल्डी छाबड़ा की मौत के मामले में सरकंडा पुलिस द्वारा चार वरिष्ठ डाक्टरों के खिलाफ़ नामजद रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद अपोलो के डाक्टरों को सरकंडा पुलिस ने मुचलके पर छोड़ दिया,पर लापरवाह अपोलो प्रबन्धन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर गोल्डी छाबड़ा के परिजनों ने प्रधानमंत्री कार्यालय समेत सभी मंत्री, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और छत्तीसगढ़ के सीएम को पत्र लिखकर कार्यवाई किए जाने की मांग की थी।
बतादें की दिसंबर 2016 को गोल्डी को पेट दर्द होने पर अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। जिसका ईलाज के बाद डाक्टरों ने शाम को डिस्चार्ज किए जाने की बात गोल्डी के परिजनों को दी। पर सुबह होते ही गोल्डी को मृत घोषित कर दिया गया। मौत का कारण अपोलो हॉस्पिटल ने सल्फास पाइजनिग बताया गया। गोल्डी के संदिग्ध मौत को लेकर परिजनों ने सरकंडा थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाया था। पर सरकंडा पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके खिलाफ़ परिजनों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। कोर्ट के आदेश के बाद सरकंडा पुलिस ने दोषी डाक्टरों और अपोलो प्रबन्धन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया और चार वरिष्ठ डाक्टरों को गिरफ्तार कर मुचलके पर थाने से ही छोड़ दिया,पर अपोलो प्रबन्धन के खिलाफ़ कार्रवाई नहीं की गई थी।
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