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जमीन घोटाला : सरपंचपति ने कर दी सरकारी जमीन की बंदरबांट… 9 एकड़ से ज्यादा जमीन मिलीभगत कर चढवा दी निजी व्यक्तियों के नाम… शिकायत पर महापौर ने लिखा कलेक्टर को पत्र… 40 लाख में बेच दी जमीन…

चिल्हाटी के सरपंच पति का बड़ा कारनामा, 9.86 एकड़ सरकारी जमीन को निजी नाम पर चढ़वाया… ग्रामीणों की शिकायत पर मेयर रामशरण यादव ने कलेक्टर को लिखा पत्र… एक खसरे की जमीन को 4० लाख रुपए में बेच दिया…

बिलासपुर, सितंबर, 28/2022

शहर से लगी ग्राम पंचायत चिल्हाटी के सरपंच पति पर संगीन आरोप लगा है। ग्रामीणों की मानें तो उन्होंने राजस्व अधिकारियों से मिलीभगत कर 9.86 एकड़ बेशकीमती सरकारी जमीन को अपने और रिश्तेदारों के नाम पर चढ़वा लिया है। इसमें से एक खसरे की जमीन को 4० लाख रुपए में बेच भी दिया है। ग्रामीणों की शिकायत पर मेयर रामशरण यादव ने पूरे मामले की जांच कराने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा है।

मस्तूरी तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत चिल्हाटी निवासी रामकुमार, अजय नायक, उमेंद नायक, मनहरण नायक समेत एक दर्जन से अधिक ग्रामीण बुधवार को मेयर निवास पहुंचे थे। उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया कि सरपंच पति साहेबलाल नायक ने पटवारी हल्का नंबर 5० राजीव चंद्र टोंडे से मिलीभगत कर गांव की सरकारी भूमि खसरा नंबर 18/2, 24/7, 24/8, 197/4, 197/6, 741/3 रकबा क्रमश: 2.०25, ०.935, ०.692, ०.०2०, ०.०8० हेक्टेयर को अपने और अपने रिश्तेदारों के नाम पर शासकीय अभिलेख में चढ़वा लिया है। खसरा नंबर 741/2 रकबा ०.194 को सरपंच पति ने राजकुमार पिता श्यामरतन रात्रे के पास 4० लाख रुपए में बेच दिया है। इस जमीन की रजिस्ट्री भी कर दी गई है। सत्यवती पति रामूलाल के नाम पर खसरा नंबर 9/6 रकबा ०.575 हेक्टेयर सरकारी जमीन का ऑनलाइन रिकार्ड दुरुस्त किया गया है। ग्रामीणों ने मेयर से सरकारी जमीन को मुक्त कराने, रजिस्ट्री शून्य कराने और दोषियों पर कार्रवाई कराने की मांग की है। मेयर श्री यादव ने पत्र के माध्यम से कलेक्टर सौरभ कुमार को इस मामले से अवगत कराया है।

तहसीलदार ने नहीं की कोई कार्रवाई…

ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने बीते 6 सितंबर को पूरे दस्तावेज के साथ इस मामले की शिकायत मस्तूरी तहसीलदार से की थी, लेकिन 2० दिन बाद भी उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की है। ग्रामीणों को सरकारी जमीन के इतने बड़े फर्जीवाड़ा में राजस्व विभाग के बड़े अफसरों के हाथ रंगे होने का अंदेशा है। यही वजह है कि सबूत देने के बाद भी जांच शुरू नहीं की गई है।

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