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आंगनबाड़ी में कुपोषित बच्चों और एनीमिया पीड़ित महिलाओं को दिया जा रहा पौष्टिक लड्डू, बच्चों को भा रहा स्वाद ….

बिलासपुर // कुपोषित बच्चों को दिये जा रहे पौष्टिक लड्डू का स्वाद बच्चों को भा रहा है और वे इन लड्डुओं को खुशी-खुशी खा रहे हैं। एनीमिया से पीड़ित महिलाओं को भी इन पौष्टिक लड्डुओं का वितरण किया जा रहा है।
राज्य में 5 वर्ष से कम आयु के कुपोषित बच्चें एवं 15 से 49 वर्ष आयु की एनीमिया पीड़ित महिलाओं में कुपोषण व एनीमिया दूर करने के लिये मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान चलाया जा रहा है।

अभियान का शुभारंभ 2 अक्टूबर को किया गया। बिलासपुर जिले में 35 हजार 210 मध्यम एवं अति कुपोषित बच्चो और 19 हजार 290 एनीमिया पीड़ित महिलाओं का चिन्हांकन किया गया है। इन बच्चों और महिलाओं को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त करने के लिये उन्हें पौष्टिक लड्डुओं का वितरण किया जा रहा है। इन लड्डुओं को तिल, फल्ली, गुड़, चना, मुर्रा के मिश्रण से तैयार किया जाता है। टेक होम राशन की तर्ज पर पौष्टिक लड्डुओं का वितरण हर माह पहले और तीसरे मंगलवार को रेडी टू ईट के साथ किया जायेगा। इन लड्डुओं को खाकर बच्चों और महिलाओं में कुपोषण दूर होगा। कुपोषित बच्चे जो 1 वर्ष से कम आयु के हैं, उन्हें लड्डू को पीसकर या चूरा बनाकर खिलाने की समझाईश महिला एवं बाल विकास द्वारा पालकों को दी जा रही है।
जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्रथम चरण में मार्च 2020 तक कुपोषित बच्चों और एनीमिया पीड़ित महिलाओं को पौष्टिक लड्डुओं का वितरण किया जायेगा। इसके सकारात्मक परिणाम मिलने पर इसे तीन वर्ष तक बढ़ाने की योजना है। पौष्टिक लड्डू वितरण के साथ महिलाओं और बच्चों को आयरन, फोलिक एसिड टेबलेट, कृमिनाशक दवा का वितरण भी किया जा रहा है। साथ ही जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केन्द्र में भी कुपोषित बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है।

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