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आरडीएसओ ने बनाया दुनिया का सबसे शक्तिशाली रेल इंजन, मेक इन इंडिया के तहत हुआ निर्माण …. मालगाड़ी का दुनिया में सबसे ताकतवर इंजन होने का दावा ….

लखनऊ // आरडीएसओ ने दावा किया है कि उन्होंने दुनिया का सबसे ताकतवर रेल इंजन बनाने में सफलता हासिल कर ली है। यह इलेक्ट्रिक इंजन 12000 हॉर्स पावर का है और 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेगा।

इससे माल गाड़ियों के संचालन को गति मिलेगी और रेलवे के राजस्व में तेजी से वृद्धि होगी। इसे मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है। अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) के महानिदेशक वीरेंद्र कुमार के कुशल नेतृत्व में पिछले लंबे समय से इस पर काम चल रहा था। इस लोकोमोटिव का निर्माण बिहार के मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया है। यह रेल मंत्रालय के संयुक्त उपक्रम और एमएस अलस्टॉम मैन्युफैक्चरिंग इंडिया लिमिटेड द्वारा संचालित होती है।

यह विश्व का सबसे शक्तिशाली रेल इंजन …

महानिदेशक ने बताया कि आरडीएसओ के विशिष्टीकरण मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए आरडीएसओ द्वारा सभी डिजाइनों की समीक्षा की गई है। यह विश्व का सबसे शक्तिशाली रेल इंजन है। इसकी क्षमता 12000 हॉर्स पावर है। यह अधिकतम 120 किमी प्रति घंटे की गति से चल सकता है। यह लोको लंबी और भारी मालगाड़ियों को मुख्य लाइन के साथ-साथ डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) पर गति देने में सहायक साबित होगा।

यह डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर 75 किमी प्रति घंटे की संतुलन गति को आसानी से प्राप्त कर लेगा। भारत में निर्मित होने वाले सभी लोकोमोटिव 90% से अधिक स्थानीयकरण के साथ सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बनाए गए हैं।

फिलहाल 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने की मिली अनुमति ….

आरडीएसओ की ओर से गत वर्ष 7 दिसंबर से 18 दिसंबर तक उत्तर रेलवे के अंबाला डिवीजन में 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर परीक्षण किया गया। वहीं, पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा डिवीजन में आरडीएसओ ने इसी वर्ष पहली जनवरी से 12 जनवरी तक 132 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से इस इंजन का परीक्षण किया था।

इसके बाद मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त ने गत पांच मार्च को डब्ल्यूएजी 12बी लोकोमोटिव की मंजूरी के लिए रेलवे बोर्ड की सिफारिश की, जिसकी अनुमति रेलवे बोर्ड ने 28 अप्रैल को दी। फिलहाल 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से इंजन को चलाने की अनुमति मिली है, जिसे बाद में बढ़ाया जा सकेगा। ( साभार अमर उजाला )

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