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कोरोना वायरस के खतरे का असर वासंती नवरात्र और राम जन्मोत्सव की तैयारियों पर..जुलूस नहीं निकलेगा और ना कीर्तन का आयोजन होगा…

बिलासपुर // हर साल धूमधाम से मनाई जाने वाली चैत्र नवरात्र और राम जन्म महोत्सव पर धूमधाम से आयोजित होने वाले धार्मिक आयोजनों पर भी कोरोना वायरस के खतरे का असर दिखने लगा है। बिलासपुर में 100 साल से भी अधिक पुराने तिलक नगर के श्री राम मंदिर में इस साल रामनवमी, राम जन्म महोत्सव और इस पर होने वाले तमाम आयोजन रोकने का विचार किया गया है। वही चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन मनाए जाने वाले हिंदू नव वर्ष और गुड़ी पड़वा के आयोजन पर निकाले जाने वाले जुलूस और धार्मिक यात्राएं इस साल नहीं निकाली जाएंगी।

बतादें कि इस साल चैत्र नवरात्र 25 मार्च से 2 अप्रैल तक है जिसमें 25 मार्च को हिंदू नव वर्ष वह नवरात्र प्रारंभ की तिथि है। वही 2 अप्रैल को रामनवमी अर्थात राम जन्मोत्सव का अवसर है। तिलक नगर के राम मंदिर में हर साल चैत्र नवरात्र की प्रथमा को हिंदू नव वर्ष शुभारंभ के मौके पर गुड़ी पड़वा का जोरदार आयोजन किया जाता था। इसमें समारोह पूर्वक धार्मिक जुलूस के साथ देवकीनंदन चौक पर सुबह गुड़ी चढ़ाई जाती थी और शाम को जुलूस के साथ उतारी जाती थी। इसी तरह चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन से नवमी तक रोज वहां कीर्तन का आयोजन भी किया जाता था। इसी तरह चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन दोपहर को 12 बजे राम जन्मोत्सव का आयोजन किया जाता था। आज तिलक नगर राम मंदिर में हुई श्री राम मंदिर ट्रस्ट समिति की बैठक में कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते मुक्त सारे आयोजन बिना भीड़भाड़ के सादगी के साथ मनाया जाएंगे। उक्त आशय का निर्णय आज की बैठक में लिया गया है। मंदिर समिति के अध्यक्ष केशव दिग्रस्कर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में राम मंदिर ट्रस्ट समिति ने कोरोना के मद्देनजर रामनवमी के दौरान 9 दिनों तक वर्षों से होने वाले कीर्तन के आयोजन को इस साल नहीं करने का निर्णय लिया है। वही हिंदू नव वर्ष के प्रथम दिन गुड़ी पड़वा पर गुड़ी के साथ निकलने वाले भव्य जुलूस को भी इस साल नहीं निकालने का निर्णय लिया गया है। दरअसल भीड़भाड़ के कारण कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने की आशंका को देखते हुए श्री राम मंदिर ट्रस्ट समिति ने इस साल राम जन्म महोत्सव और राम नवमी व गुड़ी पाड़वा के सभी आयोजन बिना किसी भीड़भाड़ और तड़क-भड़क के सादगी पूर्वक आयोजित करने का निर्णय लिया है।

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Lokesh war waghmare - Founder/ Editor
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