अभियान ‘उम्मीद’ से तीन और मानसिक रोगियों की हुई पहचान… विधिक सेवा प्राधिकरण पहुंचायेगा घर…

बिलासपुर // राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी से स्वस्थ होकर हॉफ वे होम में रह रहे तीन और मनोरोगियों को घर पहुंचाने की राह राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा प्रशस्त कर दी गई है।

छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य न्यायाधीश, तथा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक न्यायमूर्ति पी.आर. रामचन्द्र मेनन एवं कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा के निर्देशानुसार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अभियान ‘उम्मीद’ चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत मानसिक चिकित्सालय सेंदरी में स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे एवं स्वस्थ हो चुके मानसिक रोगियों की पहचान स्थापित करने एवं उन्हें घर पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में कुछ दिन पूर्व 15 वर्षों से बिछड़ी पार्वती बाई को उसके घर पश्चिम बंगाल पहुंचाया गया। इसके पश्चात् राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने स्वस्थ हो चुके 30 अन्य मनोरोगियों को उनके घर पहुंचाने का कार्य प्रारंभ किया है। इनमें से एक की मुरजीभाई परमार ग्राम-किशनबाड़ा, जिला-वड़ोदरा, गुजरात के रूप में पहचान हुई है। वह अपने घर का पता स्पष्ट नहीं बता पा रहा था, इसलिए इसके घर की खोज एवं पुष्टि के लिए छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल द्वारा गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव से अनुरोध किया गया था। गुजरात में प्राधिकरण ने घर खोजकर उनके परिजनों से मुलाकात की और फोटो के माध्यम से उनकी पहचान स्थापित की गई और जिसकी पुष्टि की सूचना राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को दी गई। मुरजीभाई परमार अपने गांव घर में प्लास्टिक बीनने का काम करता था और एक दिन वे इसी काम को करते हुए उसे पता नहीं किस प्रकार छत्तीसगढ़ पहुंच गया। उसे भानुप्रतापपुर में असुरक्षित घूमते हुए पाया गया। उसकी मानसिक दशा ठीक न लगने के कारण उन्हें सीजीएम कांकेर के आदेश पर राज्य मानसिक चिकित्सालय बिलासपुर में भर्ती कराया गया। यहां से स्वस्थ होने के उपरांत वह पुनर्वास हेतु मां डिडनेश्वरी समिति द्वारा संचालित हॉफ वे होम में रहकर घर वापसी की प्रतीक्षा कर रहा था। एक अन्य व्यक्ति शशि कुमार (शेखर) उम्र 35 वर्ष, निवासी काजीपेट जिला वारंगल का रहने वाला है। वह लगभग 6 माह से राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी में चिकित्सा लाभ प्राप्त कर ठीक हो चुका है। वह भी हाफ वे होम में निवास कर रहा था। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण तेलंगाना को उक्त मरीज के संबंध में जानकारी भेजे जाने पर उसके निवास एवं परिवार के संबंध में एवं उसकी फोटो से उसकी पहचान की गई। मरीज की मां ने उसे लेने यहां आने से असमर्थता व्यक्ति की। अब राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण उपरोक्त दोनों को वापस उनके घर भेजने की व्यवस्था कर रहा है।
इसी प्रकार सरिता देवी, निवासी-पटेढ़ी, बेलसर, बैशाखी, बिहार, घर से लापता हो गयी थी। उसे अम्बिकापुर में असुरक्षित घूमते हुए पाया गया। मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी अम्बिकापुर के आदेश पर उसे मानसिक चिकित्सालय सेंदरी में भर्ती कराया गया। स्वस्थ होने के पश्चात वह मां डिडनेश्वरी शिक्षा समिति हॉफ वे होम में रह रही थी। उसके बताये गए पते पर उसके पति से संपर्क किया गया। इस पर उसका पति सूर्यदेव सिंह उसे लेने आया और अपने साथ ले गया।

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