लोकेश वाघमारे
बिलासपुर (शशि कोन्हेर) // ऊपर हमने इस समाचार का जो शीर्षक या कहें हेड लाइन बनाई है। वह हमारे खाली दिमाग में बैठे किसी शैतान की उपज नहीं है। वरन कल रविवार के दोपहर बाद से आज सोमवार को दोपहर बाद तक हमने शहर के जितने भी लोगों और कांग्रेसजनों से इस घटना को लेकर बात की है। उन सब की बातचीत का कुल जमा लब्बोलुआब भी बिल्कुल यही था,,,जो हमने ऊपर शीर्षक या कहे हेड लाइन में बताया है।कल रविवार को शहर विधायक शैलेश पांडे पर लॉक डाउन के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में जुर्म दर्ज होने से शहर के कुछ कांग्रेसियों के मन मे लड्डू फूट रहे हैं। वहीं शहर की जनता और कांग्रेस के अधिकांश लोग विधायक पर जुर्म दर्ज होने से खासे नाराज हैं। अगर लॉकडाउन की स्थिति नहीं होती तो बहुत संभव था कि इस कार्यवाही के खिलाफ बिलासपुर में जनता जनार्दन का जबरदस्त बवंडर देखने को मिल सकता था। गनीमत है कि लॉक डाउन के अनुशासन की वजह से स्थितियां शांत और नियंत्रण में बनी हुई हैं। वैसे बिलासपुर में यह पहला अवसर नहीं है जब किसी कांग्रेसी नेता या कार्यकर्ता पर प्रशासन की विपरीत कार्रवाई से कांग्रेसी ही अधिक खुश दिखाई दे रहे हों। इसके पूर्व भी अनेक अवसरों पर बिलासपुर के लोग कांग्रेस के भीतर का ऐसा सौतिया डाह देख चुके हैं। दरअसल इन दिनों बिलासपुर कांग्रेस पर सवार,, उसकी कमीज मेरी कमीज से उजली क्यों..? वाली जलन की भावना कई बार उजागर हो चुकी है।दरअसल होना यह था कि शैलेश पांडे पर जुर्म दर्ज होते ही उनके बारे में कांग्रेस के पदाधिकारियों और नेताओं के बयानों की (भले ही दिखावे के लिए) बाढ़ सी आ जानी थी। लेकिन ऐसा होना तो दूर उल्टे अनेक कांग्रेस नेताओं के मन में इस घटना को लेकर लड्डू फूटने लगे।
दरअसल कल कोई पहला दिन नहीं था, जब शहर विधायक अपने बंगला परिसर से गरीबों को राशन का पैकेट बांट रहे थे। यह काम वे लॉक डाउन लागू होने के बाद से लगातार कर रहे थें। श्री पाण्डे शहर के आउटस्कर्ट और इसी तरह बीचों-बीच स्थित गरीबों की बस्तियों में जा जाकर लॉक डाउन से उन्हें हो रही व्यवहारिक दिक्कतों की सुध लेते रहे। इस दौरान उन्हें समझ में आया कि लॉक डाउन के कारण रोजी-मजूरी से हाथ धो बैठी,शहर की गरीब आबादी के सामने सबसे बड़ी समस्या अपने घर परिवार के लिए राशन के इंतजाम की ही थी। इसलिए श्री शैलेश पांडे ने बिलासपुर के गरीब गुरबा लोगों को लॉक डाउन के दौरान राशन मुहैया कराने को अपनी प्राथमिकता में सबसे ऊपर जगह देने के साथ ही इस काम को अपना विधायक धर्म बना लिया। और उनका यही इंसानी इरादा ही श्री पांडे के विरोधियों विपक्षी पार्टियों और खुद उनकी अपनी पार्टी में कई लोगों को नागवार गुजर रहा था। मामला बिलासपुर की तासीर बन चुकी, मेरी कमीज से उसकी कमीज उजली क्यों..? वाली भावना का ही था। और यही वजह है कि खुद पर हुई कार्रवाई से आज जहां शहर विधायक शैलेश पांडे मर्माहत हैं, वहीं उनकी ही पार्टी के कुछ लोगों के मन में लड्डू फूट रहे हैं।
सवाल यह भी उठ रहा है कि रविवार को एकाएक पांडे के बंगले में मुफ्त का राशन लेने महिलाओं की अभूतपूर्व भीड़ कहां से और कैसे आ गई…? क्या इतनी बड़ी संख्या में महिलाएं खुद-ब-खुद वहां तक आई थीं या फिर शहर विधायक के किसी बहुत बड़े शुभचिंतक..? ने शैलेश पांडे का तमाशा देखने के लिए महिलाओं का यह कारवां विधायक निवास तक भेज दिया था। कल की घटना और उसके पीछे चल रही बिलासपुरिहा स्टाइल की सियासी उमड़-घुमड़ का जवाब भी इन्ही तिलस्मी सवालों के जवाब में छुपा हुआ है।
Author Profile
Latest entries
Uncategorized30/06/2025कृषि विभाग की टीम ने आधा दर्जन दुकानों में दी दबिश… गड़बड़ी और लापरवाही पाए जाने पर थमाया नोटिस…
अपराध30/06/2025गैरेज मालिक पर कर्मचारी ने किया जानलेवा हमला… पुलिस मामला दर्ज कर युवक की कर रही तलाश…
प्रशासन29/06/2025अवैध रूप से भण्डारित लगभग 300 ट्रिप ट्रेक्टर ट्राली रेत जब्त…
अपराध27/06/2025पूर्व विधायक को फिरौती के लिए धमकी देने वाला बच्चू झा प्रयागराज से गिरफ्तार…