बिलासपुर // ज़िले में भूमाफियाओं और राजस्व अधिकारियों, पटवारियों की जुगलबंदी से तो हर कोई वाकिफ है साथ ही इन्हें राजनैतिक संरक्षण भी प्राप्त है जिसके दम पर ये भूमाफिया खुलेआम सरकारी जमीनों,तालाबों, गोचर भूमि, यहां तक दूसरों की जमीनों पर भी कब्जा करने से नही चूकते इन जमीनों पर ये भूमाफिया शासन की बिना अनुमति के अवैध प्लाटिंग कर बेच रहे है, जिस से प्लाट खरीदने वालों को ये लूट रहे है क्योंकि अवैध प्लाटिंग में किसी तरह की सुविधा नही मिलती , साथ ही शासन को भी लाखों करोड़ों के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है । शहर और आसपास के इलाकों में लंबे समय से तालाबों और सरकारी जमीनों पर कब्जा कर अवैध प्लाटिंग का खेल खेला जा रहा है इन मामलों में कई बार शिकायत भी हो चुकी हैं, लेकिन अधिकारियों के कानों में जु तक नही रेंगती, शिकायत होने के बावजूद अब तक किसी पर कोई कार्यवाही नही की गयीं है ।
बिलासपुर तहसील के मोपका/चिल्हाटी में ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमे भूमाफियाओं ने राजस्व अधिकारियों से मिलीभगत कर चिल्हाटी के पैठू तालाब पर कब्जा कर चुपके चुपके फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार करवा लिए। इसकी भनक सरकंडा क्षेत्र के निवासी देवीनंदन उपाध्याय और नवल शर्मा को लगी। इन्होंने ने भारत शासन की वेबसाइट CGGRMS पट इन भूमाफियाओं के करतूतों की शिकायत की , जिसको केंद्रीय विभाग ने गंभीरता से लिया और जाँच के लिए बिलासपुर पुलिस अधीक्षक को मार्क किया। एसपी ने इस आए पत्र को सरकंडा थाना प्रभारी को जांच के लिए दिया और जल्द रिपोर्ट मांगी । मामला राजस्व से जुड़े होने के कारण थाना प्रभारी ने भी एसडीएम को पत्र लिखकर जाँच टीम गठित कर जांच रिपोर्ट मांगी थी पर एसडीएम द्वारा इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है। इन भूमाफियाओं की करतूत जगजाहिर है जिसकी जानकारी इस हल्के से जुड़े जिला पंजीयक, तहसीलदार, पटवारी और राजस्व विभाग के अधिकारियों को है। इसके बावजूद इन पर कार्यवाही न होना समझ से परे है। वैसे भी शिकायतकर्ताओं ने शिकायती पत्र के माध्यम से इन सभी जिम्मेदार अधिकारीयों को कटघरे में खड़ा कर दिया है ।
शिकायतकर्ताओं ने भूमाफिया भोंदू दास, रोहन खेड़िया , राम खेड़िया ,राजू चंद्राकर, सुरेंद्र कुमार कुर्रे व साथियों की नामजद शिकायत खसरों के साथ की थी। इस हल्के से जुड़े अधिकारीयों के आँखों के सामने ही तालाब को प्लाट में तब्दील कर दिया गया और उसकी बिक्री भी धड़ल्ले से किया जा रहा है, इसकी जानकारी होने के बावजूद अतितिक्त तहसीलदार और विवादित पटवारी इस प्लाट के दस्तावेजों को ओके करने में जुटे हैं । यहां यह कहना गलत नही होगा कि अधिकारी ही भूमाफियों को संरक्षण दे रहे हैं ,जो की एक गंभीर मामला है। सरकार का ऐसे अधिकारियों पर नियंत्रण न होना जनता में सरकार के प्रति नकारात्मक भावना पैदा कर रही है। एक तरफ प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल अपने कार्यों के दम पर जनता में एक अच्छी छवि बना रहे हैं और दूसरी तरफ ये भ्रष्ट अधिकारी अपनी करतूतों से सरकार की छवि को धूमिल करने में दिन -रात लगे हैं। सरकार को जल्द ही ऐसे भ्रष्ट अधिकारीयों पर नकेल कसने की जरूरत है तभी तालाब, शमशान जंगल की भूमि पर हो रहे अवैध प्लाटिंग पर लगाम लग सकेगी, साथ ही इन विवादित पटवारी और अधिकारियो के कार्यो की भी जांच कर कार्यवाही करनी चाहिए।
क्रमशः
Author Profile
Latest entries
- अपराध17/05/2024एंटी करप्शन ब्यूरो की रेड… रिश्वत लेते RI और EE गिरफ्तार… पकड़ने में कामयाबी पर चालान पेश करने में करते है देरी… कई मामले आज भी है पेंडिंग…
- प्रशासन14/05/2024अवैध प्लॉटिंग पर कलेक्टर सख्त… फिर भी तखतपुर में नगर पंचायत और राजस्व अधिकारियों की नाक के नीचे खुलेआम चल रहा अवैध प्लॉटिंग खेल…
- राजनीति13/05/2024चुनाव आयोग के अभियान पर केंद्रीय विश्वविद्यालय ने अटकाया रोड़ा… छात्रावास की लड़कियों को मतदान से रोका… हॉस्टल खाली करने का सुनाया फरमान… जबरिया दे दी छुट्टी… जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी ने मामले की जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने निर्वाचन अधिकारी को लिखा पत्र…
- धर्म-कला -संस्कृति13/05/2024भगवान परशुराम जयंती पर समग्र ब्राह्मण और परशु सेना ने निकाली भव्य शोभायात्रा… विप्र समाज ने दिखाया शौर्य… उज्जैन का डमरू, जीवंत झांकी, आग उगलती मां काली रही आकर्षण का केंद्र… महाआरती और प्रसाद वितरण… समाज के विभूतियों का भी सम्मान…