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विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष… सही आहार-विहार, स्वस्थ जीवन का आधार गैर संचारी रोगों के प्रति युवा पीढ़ी को जागरूक करना जरूरी… 40 साल की उम्र के बाद होने वाली बीमारियाँ अब 30 में ही रहीं घेर…

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष…

सही आहार-विहार, स्वस्थ जीवन का आधार
गैर संचारी रोगों के प्रति युवा पीढ़ी को जागरूक करना जरूरी… 40 साल की उम्र के बाद होने वाली बीमारियाँ अब 30 में ही रहीं घेर….

बिलासपुर, 06 अप्रैल // आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी और बदलती जीवन शैली ने सबसे अधिक युवा पीढ़ी को प्रभावित किया है । जीवन में जल्दी से जल्दी बहुत कुछ हासिल कर लेने की चाह ने जहाँ उनके सुकून को छीन लिया है वहीँ उनके पास न तो सही से खाने का वक्त होता है और न ही सोने का। फ़ास्ट फ़ूड और दिखावे के लिए शराब और सिगरेट का सहारा लेने वाले युवाओं में हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर और हाइपरटेंशन जैसी गैर संचारी रोग अब 30 साल की उम्र में ही शरीर पर कब्ज़ा जमाने लगी हैं, जबकि यह बीमारियाँ पहले 40 साल की उम्र के बाद की मानी जाती थीं ।

इन्हीं परिस्थितियों से लोगों को उबारने के लिए ही हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्थापना दिवस पर सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है जिसका मूल मकसद लोगों को स्वस्थ जीवन प्रदान करने के लिए जरूरी परामर्श के साथ जागरूक भी करना है । हर साल अलग-अलग थीम पर मनाये जाने वाले दिवस की इस बार की थीम है- बिल्डिंग अ फेयरर, हेल्दियर वर्ल्ड (एक निष्पक्ष, स्वस्थ दुनिया का निर्माण) ।

चिकित्सकों का स्पष्ट कहना है कि शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ ही मानसिक रूप से भी स्वस्थ होना बहुत जरूरी है । इसके लिए जरूरी है कि सही पोषण के साथ ही ध्यान, योग और प्राणायाम को भी जीवन में शामिल किया जाए। शारीरिक श्रम से मुंह मोड़ने का ही नतीजा है कि शरीर बीमारियों का घर बन रहा है । गैर संचारी रोगों से बचने के लिए जरूरी है कि हर रोज कम से कम 45 मिनट तक कड़ी मेहनत व शारीरिक श्रम किया जाए । इससे हृदय रोग और डायबिटीज से शरीर को सुरक्षित बना सकते हैं। इसके अलावा तम्बाकू उत्पादों के सेवन और शराब से नाता तोड़ने में ही सही सेहत के सारे राज छिपे हैं। इन बीमारियों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए ही सरकार ने घर के नजदीक ही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित करने के साथ ही वहां पर इन बीमारियों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था के साथ ही योगा क्लास और काउंसिलिंग की भी व्यवस्था की है ।

सरकार हर किसी को स्वस्थ्य रखने के उद्देश्य से ही मातृ-शिशु स्वास्थ्य देखभाल, किशोर-किशोरी स्वास्थ्य देखभाल और प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर पूरे प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों को संचालित कर रही है। आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों और गर्भवती के सही पोषण की व्यवस्था कर रही है । हर क्षेत्र में मितानिन आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति की गयी है जो स्वास्थ्य सम्बन्धी किसी भी मुश्किल में साथ खड़ी नजर आती हैं ।

स्वस्थ जीवन के लिए है जरूरी….

संतुलित आहार लें, फल व सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं
नियमित व्यायाम से शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखें
तनाव मुक्त रहें, कोई दिक्कत हो तो परिवार से शेयर करें
प्रतिदिन छह से सात घंटे की निद्रा या आराम जरूरी
वजन को संतुलित रखें
दिक्कत महसूस हो तो प्रशिक्षित चिकित्सक से संपर्क करें

स्वस्थ रहना है तो क्या न करें ….

चीनी व नमक का कम से कम सेवन करें
तम्बाकू और शराब से तौबा करने में ही है भलाई
तले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।

योग को शामिल करें दिनचर्या में…

इस भागती दौड़ती जिंदगी में शरीर को स्वस्थ रखने पर विशेष ध्यान दें। योग को शामिल करें हेल्दी डाइट लें और जंक फूड से दूरी बनाएं।

डॉ. प्रमोद महाजन, सीएमएचओ बिलासपुर।

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Lokesh war waghmare - Founder/ Editor

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