• Tue. Jul 1st, 2025

News look.in

नज़र हर खबर पर

पृथ्वी के पास से सुरक्षित गुजरा उल्कापिंड … जानें वैज्ञानिक इन घटनाओं के शोध को महत्वपूर्ण क्यों मानते है ….

नैनीताल // उल्कापिंड के बुधवार को अपराह्न साढ़े तीन बजे पृथ्वी के पास से सुरक्षित गुजरने के बाद से इससे जुड़ी अफवाहों पर विराम लग गया। लेकिन अफवाहों के इतर वैज्ञानिक इस तरह की घटनाओं को शोध कार्यों के लिए महत्वपूर्ण मान रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि सौर मंडल में सदूर क्षेत्रों से आने वाले इन पिंडों से सौर उत्पत्ति समेत पूर्वानुमान आदि में मदद मिलेगी।

नैनीताल स्थित एरीज के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक डॉ. बृजेश कुमार ने कहा कि वैज्ञानिकों के लिए प्रत्येक खगोलीय घटना महत्वपूर्ण होती है। जब बात इनसे पृथ्वी पर खतरे को लेकर हो तो यह और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने बताया कि बुधवार को गुजरे क्षुद्रग्रह पर दुनियांभर के वैज्ञानिक नजर बनाये हुए थे। इससे पृथ्वी को किसी तरह का खतरा नहीं होने के बावजूद वैज्ञानिकों ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने बताया कि परिक्रमण पथ का अध्ययन कर उल्कापिंड के पुन: पृथ्वी की कक्षा से गुजरने का अनुमान लगाया जा सकता है। वहीं सौरमंडल में सुदूर क्षेत्रों से आने वाले इन पिंडों के अध्ययन से सौर मंडल उत्पत्ति से जुड़े अध्ययनों को काफी मदद मिलेगी। साथ ही भविष्य में इससे उल्कापिंडों के अध्ययन को लेकर योजनाओं को तैयार करने में काफी मदद मिलेगी।

कहां से आते है ये जाते हैं उल्कापिंड ?

एरीज के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक डा. शशिभूषण पांडे ने बताया कि मंगल व बृहस्पति के बीच के स्थान को एस्ट्रोइड बेल्ट कहा जाता है। यहां लाखों की संख्या में उल्कापिंड मौजूद हैं। इनका संतुलन बिगड़ने पर गुरुत्व प्रभाव के चलते सूर्य की ओर परिक्रमण करने लगते हैं। डा. पांडे के अनुसार सूर्य की ओर आते समय ये उल्कापिंड मंगल, पृथ्वी, शुक्र व बुध की कक्षा के पास से होकर गुजरते हैं। इसके चलते इन ग्रहों के गुरुत्व के प्रभाव में आने व यहां गिरने का खतरा बना रहता है। कक्षा से अधिक दूर होने पर यह सूर्य की परिक्रमा करते हुए अपना पथ बना लेते हैं ।

Author Profile

Lokesh war waghmare - Founder/ Editor

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *