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SBR कालेज ट्रस्ट पर कोर्ट का फैसला… नही दी जा सकती जमीन खरीदी-बिक्री की इजाजत… ट्रस्ट को लगा तगड़ा झटका… नगर विधायक ने कहा की सच परेशान हो सकता है लेकिन कभी पराजित नही हो सकता…

SBR कालेज ट्रस्ट पर कोर्ट का फैसला… नही दी जा सकती जमीन खरीदी-बिक्री की इजाजत… ट्रस्ट को लगा तगड़ा झटका… नगर विधायक ने कहा की सच परेशान हो सकता है लेकिन कभी पराजित नही हो सकता…

अगस्त, 05/2021, बिलासपुर

एसबीआर कालेज मामले में एसडीएम कोर्ट का फैसला आया है, जिसमे कहा गया है कि ट्रस्ट की जमीन को बेचने की इजाजत नहीं दी जा सकती है

इस मामले में नगर विधायक ने कहा की सच परेशान हो सकता है लेकिन कभी पराजित नही हो सकता है, छात्र हित में निर्णय आने के बाद नगर विधायक शैलेष पाण्डेय ने कहा कि सच परेशान हो सकता है लेकिन कभी पराजित नही हो सकता है। छात्रहित में बहुत बडा फैसला आया है। जमीन माफिया कितना भी बड़ा हो जाए लेकिन हमें न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है, और अंततः फैसला न्याय का हुआ। खुशी की बात है कि फैसले के समय छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखा गया। साथ ही यह निर्णय जमीनों पर कब्जा करने वाले भू-माफियाओं के लिए सबक भी है।

शहर का चर्चित SBR कालेज के मैदान की जमीन को बेचने के मामले में SDM कोर्ट का फैसला आया है। इस फैसले से सफेदपोश भूमाफियायों को तगड़ा झटका लग गया है। ट्रस्टियों की मंशा पर भी सवाल खड़े किए गए है।

इस पूरे मामले में SDM देवेंद्र पटेल ने अपने आदेश में स्पष्ट कह दिया है कि किसी भी स्थिति में कॉलेज की जमीन को बेचने की इजाजत नही दी जा सकती। यह जमीन पर सिर्फ शैक्षणिक कार्य ही किया जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि इस जमीन को लेकर ट्रस्ट के सदस्यों की नीयत ठीक नही है। इस आदेश के बाद ट्रस्ट के अस्तित्व को लेकर भी अब सवाल खड़े हो गए है।

कोर्ट ने किया ट्रस्ट के दावों को खारिज…

एसडीएम कोर्ट ने लम्बी सुनवाई के बाद एसबीआर कालेज ट्रस्ट की जमीन पर फैसला सुना दिया है। एसडीएम देवेन्द्र पटेल की कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा है कि कालेज की जमीन ट्रस्ट के मंशानुरूप शैक्षणिक गतिविधियों में उपयोग किया जा रहा है। जमीन पूरी तरह से सुरक्षित है। जमीन का उपयोग खेल मैदान के रूप में ही किया जा रहा है। कोर्ट ने ट्रस्ट के सभी दावों को खारिज करते हुए फैसले में दो टूक कहा है कि ट्रस्ट को जमीन बेचने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। SDM ने अपने आदेश में कहा है कि एसबीआर कालेज मैदान की जमीन को किसी भी सूरत में खरीदी बिक्री की इजाजत नहीं है। जमीन का उपयोग ट्र्स्ट के सिद्धांतों के अनुरूप शैक्षणिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। जमीन पूरी तरह से सुरक्षित है। किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं किया गया है। ट्रस्ट की तरफ से पेश किए गए कमोबेश सभी तर्क तथ्यहीन हैं। सुनवाई के दौरान पाया गया कि ट्रस्ट की नीयत जमीन को लेकर ठीक नहीं है, ना तो जमीन पर अतिक्रमण ही हुआ है और ना ही छात्रहित में जमीन को बेचा जाना उचित होगा। इसलिए ट्रस्ट को जमीन बेचने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

एसडीएम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि एसबीआर कालेज की स्थापना एसबीआर ट्रस्ट ने 1972 में किया है। कालेज के सामने ट्रस्ट की करीब ढाई एकड़ जमीन है। जमीन का उपयोग वर्तमान में कालेज के खेल मैदान के रूप में किया जा रहा है। जबकि ट्रस्ट का उद्देश्य भी जमीन का उपयोग शैक्षणिक गतिविधियों को लेकर किया जाना बताया गया है। इसलिए जमीन को बेचकर दूसरी जगह जमीन खरीदने की बात उचित नहीं है। जैसा की वर्तामन ट्रस्ट की तरफ से सुनवाई के दौरान कहा गया है। एसडीएम कोर्ट ने दूसरे प्रमुख बिन्दु में कहा कि साल 1944 में ट्रस्ट का गठन किया गया। 2014 तक ट्रस्ट में सिद्धान्तों और ट्रस्टियों में भी किसी प्रकार का परिवर्तन नही हुआ। साल 2014 के बाद एकाएक नए सदस्य आ जाते हैं। पहले कहते हैं कि ट्रस्ट की बैठक नहीं हुई..फिर जमीन बेचने के लिए आवेदन करते हैं। इस दौरान ट्रस्ट ने कोर्ट को बताया कि जमीन बेचने की मंशा नहीं है। फिर जमीन बेचने के लिए आवेदन करते हैं। इससे जाहिर होता है कि वर्तमान ट्रस्ट की नीयत ठीक नहीं है। वैसे भी जमीन का उपयोग ट्रस्ट के उद्देश्य के अनुसार शैक्षणिक हित में किया जा रहा है। इसलिए जमीन बेचने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। अपने फैसले में एसडीएम कोर्ट ने बताया कि एसबीआर ट्रस्ट ने दावा किया था कि जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है। मौके पर पाया गया कि बतायी गयी जमीन पर किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं हुआ है। जमीन पूरी तरह से सुरक्षित है। ट्रस्ट के दावा में किसी प्रकार की सच्चाई नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला…

एसबीआर कालेज मैदान को लेकर पिछले कुछ सालों से ट्रस्ट और ट्रस्ट फाउंडर परिवार के बीच विवाद चल रहा है। बजाज परिवार के सदस्य अतुल बजाज ने ट्रस्ट के गठन और कालेज मैदान की बिक्री को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अतुल बजाज ने कालेज की जमीन को बेचने के निर्णय के खिलाफ एसडीएम कोर्ट में भी वाद दायर किया था। अतुल बजाज ने सिविल कोर्ट में भी जमीन बेचे जाने के ट्रस्ट के फैसले को चुनौती दी। स्टे नहीं मिलने पर अतुल बजाज ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई। यहां भी अतुल बजाज को असफलता हाथ लगी। उन्होने सुप्रीम कोर्ट के सामने मामले को रखा। सुप्रीम कोर्ट में पहली सुनवाई हो चुकी है। जानकारी देते चलें कि अतुल बजाज के अलावा बजाज परिवार के फाउन्डर पीढ़ी के तीन अन्य संतोष बजाज, सुमित बजाज ने भी ट्रस्ट की वैधता और जमीन बिक्री के खिलाफ सिविल कोर्ट से स्टे लिया है।

एसडीएम कोर्ट में सुनवाई…

इस पूरी प्रक्रिया के दौरान मामले में एसडीएम कोर्ट में भी सुनवाई लगातार चलती रही। गुरूवार को एसडीएम देवेन्द्र पटेल ने ट्रस्ट के खिलाफ फैसला देकर जमीन की खरीदी बिक्री पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। साथ ही कोर्ट ने फैसले में ट्रस्ट की नीयत पर भी सवाल उठाया है। एसबीआर कालेज की जमीन को बचाने के लिए पिछले 15 दिन से भाजपा के युवा नेता शैलेन्द्र यादव की अगुवाई में कालेज के छात्र हड़ताल पर हैं।

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