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सरकंडा पुलिस की लापरवाही… न्याय पाने दर-दर भटकने को मजबूर पीड़िता की नही हो रही सुनवाई… एसएसपी और सीएसपी महिला अधिकारी होने के बाद भी महिलाओं को थानों में नहीं मिल रहा न्याय… आखिर पीड़िता किस से लगाए गुहार…

सरकंडा पुलिस की लापरवाही… न्याय पाने दर-दर भटकने को मजबूर पीड़िता की नही हो रही सुनवाई… एसएसपी और सीएसपी महिला अधिकारी होने के बाद भी महिलाओं को थानों में नहीं मिल रहा न्याय… आखिर पीड़िता किस से लगाए गुहार…

बिलासपुर, नवंबर, 05/2022

महिला संबंधी अपराध में सरकंडा थाने की गंभीर लापरवाही सामने आई है जहां पिछले 10 दिनों से न्याय की गुहार लगाने दर दर भटकने को मजबूर हो रही पीड़िता की कोई सुनवाई नहीं हो रही नही हो रही है थाना प्रभारी और सीएसपी से कई बार शिकायत करने के बाद भी अब तक पीड़िता की शिकायत पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। रोज थाने में उसे घुमाया जा रहा है तंग आ कर पीड़िता ने एसएसपी से न्याय की गुहार लगाई है। पुलिस कप्तान और सीएसपी भी महिला अधिकारी है उसके बावजूद थानों में महिलाओं को न्याय पाने घूमना पड़ता है। थाना प्रभारी थाना स्टाफ महिला संबंधी अपराध को लेकर कितने गंभीर है। ये इस मामले से समझा जा सकता है। बहरहाल एसएसपी से शिकायत के बाद देखना होगा कि पीड़िता को न्याय कब तक मिल पाएगा।

महिला संबंधी अपराध को लेकर जहां छत्तीसगढ़ पुलिस गंभीर नजर आ रही है वहीं उसके ठीक उलट बिलासपुर का सरकंडा थाना शायद इतना गंभीर नहीं है इसलिए तो पिछले 10 दिनों से एक पीड़िता के साथ हुए अपराध को पंजीबद्ध करने में आना कानी की जा रही है और हर बार उसे एक दो दिन बाद, एक दो दिन बाद का ढकोसला देकर वापस भेज दिया जा रहा है। इन सब से परेशान होकर शुक्रवार को युवती एसएसपी कार्यालय पहुंची उसने अपने साथ हुए घटना की जानकारी देते हुए आरोपी के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर कार्रवाई की गुहार लगाई है।

दरअसल पीड़ित लड़की को बहला-फुसलाकर आरोपी द्वारा उसका शारीरिक शोषण किया गया जब युवती गर्भवती हो गई तो उससे छुटकारा पाने के लिए उसका गर्भपात कराने के बाद उसे जातिगत परेशानी बता कर आरोपी अपना कन्नी काटने लगा, और जब उसे भनक लगी कि उसके खिलाफ मामला पंजीबद्ध हो सकता है वह छत्तीसगढ़ छोड़कर गायब हो गया लेकिन युवती पिछले 10 दिनों से लगातार शिकायत लेकर घूमती रही है आज एसएसपी ऑफिस में गुहार लगाने के बाद मीडिया से बात करते हुए युवती ने बताया कि सरकंडा की पुलिस के बाद जब वह मामला दर्ज कराने गई थी तो उसे एक-दो दिन का बहाना देकर भगा दिया गया था इसके बाद जब वह फिर सरकंडा पहुंची थी तो वहां पर सीएसपी भी मौजूद थी लेकिन उन्होंने भी एक-दो दिन बाद आना कहकर उसे वापस भेज दिया ऐसे ही कई दिनों तक भटकने के बाद आज पीड़िता एसएसपी के पास पहुंची और उसने अपराध दर्ज कराने की गुहार लगाई।

पिछले कुछ महीनों में बिलासपुर पुलिस पर लापरवाही के कई गंभीर आरोप लगते रहे हैं कुछ दिनों पहले कोतवाली थाना क्षेत्र के कतियापारा में लड़ाई के दौरान एक अधेड़ की मौत हो गई थी वहीं मामले के मुख्य आरोपी अब तक फरार है लेकिन उस समय जब प्रार्थी थाने पहुंचे थे तो पुलिस वालों ने कहा था कि मर्डर हो जाएगा तब आना फिर कुछ ही घंटों बाद इस तरह का मामला सामने आया था, जिसके बाद बड़ी संख्या में महिलाओं ने कोतवाली थाने का घेराव भी किया था इतना ही नहीं बीते दिन जिस मामले का खुलासा पुलिस ने किया उसका प्रार्थी बहुत पहले से यह सोशल मीडिया में आरोपियों के खिलाफ न्याय के लिए लिख रहा था द्वारा नाबालिग में सोशल मीडिया के जरिए कई गंभीर आरोप लगाए हैं तोरवा थाने में बार-बार जाकर शिकायत देने के बावजूद भी कार्यवाही ना करना पुलिस की कार्यशैली पर खड़ा है, इसके अलावा सिविल लाइन थाने में डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने बिना कुछ सोचे समझे आनन-फानन में 307 कायम तो कर दिया लेकिन उसके बाद को डॉक्टरों ने सरकंडा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी उनके द्वारा किसी भी प्रकार की रिपोर्ट नहीं बनाई है क्या पुलिस में मामले में प्रार्थी बने पक्ष से मुझे दस्तावेजों की जांच करना भी उचित नहीं समझा था इसके अलावा कई बड़े मामलों में पुलिस के हाथ अब तक खाली नजर आ रहे हैं चाहे वह रतनपुर क्षेत्र में हुआ ब्लाइंड मर्डर हो या तालापारा क्षेत्र में मर्डर का मुख्य आरोपी के फरार होने के बाद वायरल ऑडियो जिस मामले में राजनीतिक या रसूखदार दखल अंदाज होते हैं उस मामले में पुलिस हाथ खड़े क्यों कर देती है!

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