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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा के निधन पर महापौर ने जताया शोक… हमने बेहद सहज,सरल,नेता खो दिया : चंद्रप्रकाश बाजपेयी…

बिलासपुर // कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा की रविवार रात को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मोतीलाल वोरा ने कई वर्षों तक पत्रकारिता के क्षेत्र में काम किया और बाद में 1968 में राजनीति में प्रवेश किया था। वोरा ने 197० में मध्यप्रदेश विधानसभा से चुनाव जीता और उन्हें मध्यप्रदेश के सड़क परिवहन निगम के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। उनके निधन पर बिलासपुर महापौर रामशरण यादव ने शोक जताते हुए कहा बाबूजी मोतीलाल वोरा का जाना न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे कांग्रेस परिवार के लिए एक अभिभावक के चले जाने जैसा है। जमीनी स्तर से राजनीति शुरु करके राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई और आजीवन एक समर्पित कांग्रेसी बने रहे। उनकी जगह कभी नहीं भरी जा सकेगी। वे पार्षद रहें फिर विधायक हुए और अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रहें, राज्यसभा सासंद रहें। वे कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रहें। महापौर ने कहा कि मैंने अपनी राजनीति का ककहरा जिन लोगों से सीखा उनमें बाबूजी एक थे। अविभाजित मध्यप्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ तक वे हम कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए एक पथ प्रदर्शक थे। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और परिवार को इस कठिन समय में दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।

मोतीलाल वोरा का दुखद निधन : हमने बेहद सहज,सरल,नेता खो दिया-बाजपेयी…

अ.भा. कांग्रेस कमेटी के वर्षों कोषाध्यक्ष रहे वरिष्ट नेता श्रद्धेय मोतीलाल वोरा के आज दुखद निधन पर अपनी भाव पूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय सचिव,पूर्व विधायक चन्द्र प्रकाश बाजपेयी (प्रभार मध्य प्रदेश)ने कहा कि पार्टी में नीचे स्तर से काम करने वाले बेहद अनुभवी, सहज, सरल,कर्मठ लोक प्रिय जन नेता को हमने हमेशा के लिये खो दिया ।कांग्रेस की तीन पीढ़ियों से काम करने वाले क्रमशः विधायक,सांसद,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, मुख्यमंत्री,राज्यपाल,केंद्रीय मंत्री,पार्टी के वर्षों कोषाध्यक्ष रहे मोतीलाल वोरा इस उम्र में भी अ भा कांग्रेस व निवास दिल्ली कार्यालय में लगातार 16घंटे काम करते थे कल ही उन्होंने अपना 93 वाँ जन्म दिवस पूर्ण किया था ।

चन्द्र प्रकाश बाजपेयी ने बतलाया कि वर्ष 1995-96 में उन्ही की अध्यक्षता में बनी संसदीय उत्कृष्टता पुरस्कार समिति ने उन्हें उत्कृष्ट विधायक का सम्मान दिया था ।उनके सुपुत्र अरुण वोरा 1993 में ही पहली बार विधायक बने थे कल ही उनसे बात कर जन्म दिवस की बधाई दी थी क्या पता था ईश्वर को क्या मंज़ूर है ।उनकी सहजता सदैव स्मरण की जाती रहेगी जिसकी भर पाई करना अब असंभव है ।

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