• Sun. Sep 8th, 2024

News look.in

नज़र हर खबर पर

छत्तीसगढ़ : कमर्शियल माइनिंग और कोल ब्लॉकों को निजी हाथों में सौंपने के विरोध में माकपा ने किया प्रदर्शन ,,

कोरबा // मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ और कोरोना महामारी के राहत पैकेज के लिए फंड जुटाने के नाम पर देश की सार्वजनिक संपत्ति को बेचने का आरोप लगाते हुए एसईसीएल, सुराकछार गेट के सामने बुधवार को विरोध प्रदर्शन आयोजित किया तथा कमर्शियल माइनिंग करने, कोल ब्लॉकों और कोल उद्योग का निजीकरण न करने, श्रम कानूनों में परिवर्तन कर कोयला मजदूरों को गुलाम बनाने की साजिश बंद करने, राहत पैकेज के लिए सार्वजनिक उद्योगों की बिक्री बंद करने की मांग करते हुए जोरदार नारेबाजी की।

माकपा के कोरबा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि मोदी सरकार देश की सार्वजनिक क्षेत्र का विनिवेशीकरण और निजीकरण करने की नीति पर चल रही है। आज से कोल ब्लाकों की नीलामी की प्रक्रिया इसी का हिस्सा है। कमर्शियल माइनिंग से निजी मालिकों को कोयला खुले रूप से बेचने का अधिकार मिल जाएगा, जिससे कोल इंडिया का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा और लाखों मजदूरों की रोजी-रोटी खतरे में पड़ जावेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार श्रम कानूनों में परिवर्तन कर मजदूरों को गुलाम बनाने की साजिश की जा रही है।

माकपा नेता ने आरोप लगाया कि कोरोना संकट से निपटने के लिए धन जुटाने के नाम पर देश के किसानों-मजदूरों और आदिवासियों-दलितों के अधिकारों पर इस सरकार ने हमले तेज कर दिए हैं। 20 लाख करोड़ रुपयों का कथित आर्थिक पैकेज केवल धोखाधड़ी है, क्योंकि इसमें बजट के बाहर जीडीपी का आधा प्रतिशत भी अतिरिक्त खर्च नहीं किया जा रहा है। इस पैकेज में भी पूंजीपतियों को सब्सिडी दी गई है और आम जनता के लिए कर्ज रखा गया है। उन्होंने कहा कि आम जनता को कर्ज नहीं, कैश चाहिए। तभी जनता की क्रयशक्ति में वृद्धि होगी और बाजार में मांग बढ़ेगी। तभी अर्थव्यवस्था में आई गिरावट को रोका जा सकेगा। लेकिन बड़े तानाशाहीपूर्ण तरीके से यह सरकार संकट का बोझ आम जनता पर लादना चाहती है। इसके खिलाफ माकपा सड़कों पर अपना संघर्ष तेज करेगी।

विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए माकपा पार्षद सुरती कुलदीप ने कहा कि कोरबा जिले में भी घने जंगलों को उजाड़ कर आदिवासियों को जल, जंगल, जमीन से बेदखल करने और पर्यावरण को खतम करने की साजिश की जा रही है। प्राकृतिक संसाधनों पर समाज का अधिकार खत्म करने का अर्थ है, देश को देशी-विदेशी पूंजी का गुलाम बनाना।

माकपा के झंडे तले हुए आज के विरोध प्रदर्शन में जनवादी महिला समिति, सीटू और छग किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया, जिनका नेतृत्व धनबाई कुलदीप, माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर, हुसैन अली, जनक दास, रामचरन चंद्रा, जवाहर सिंह कंवर, दिलहरण बिंझवार व लंबोदर आदि ने किया।

माकपा ने अगले माह 2 से 4 जुलाई तक कोयला उद्योग में होने वाली तीन दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का समर्थन भी किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed