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मरवाही के नगवाही पंचायत में 5 लाख रुपयों की मजदूरी हड़पने का मामला… ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का लिया निर्णय – किसान सभा…

मरवाही // छत्तीसगढ़ किसान सभा ने मरवाही जिले के नगवाही पंचायत में पिछले 5 सालों में मनरेगा सहित विभिन्न निर्माण कार्यों में काम करने वाले 115 से ज्यादा मजदूरों की 5 लाख रुपयों से ज्यादा की मजदूरी हड़प का मामला उजागर किया है. मजदूरी हडपने के इस खेल में सरपंच, सचिव और ठेकेदार शामिल हैं. जनपद अधिकारियों के लगातार चक्कर काटने के बाद पीड़ित निराश ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया है ।

छग किसान सभा के राज्य अध्यक्ष संजय पराते, उपाध्यक्ष राकेश चौहान और नगवाही में किसान सभा के नेता विशाल वाकरे, देवान मार्को ने बताया कि वर्ष 2015 से आज तक इस पंचायत में मनरेगा सहित पुलिया, सीसी रोड, कुंआ, डबरी, नाली, भूमि समतलीकरण, प्रधानमंत्री आवास, शौचालय आदि के कई कार्य हुए हैं. मजदूरों को इन कार्यों का आधा-अधूरा भुगतान ही हुआ है, जबकि निर्माण कार्यों के पूरे पैसे आहरित कर लिए गए हैं. तत्कालीन सरपंच, सचिव और ठेकेदारों ने मिलकर केवल इसी पंचायत के मजदूरों के 5 लाख रुपयों की मजदूरी हडप कर ली है. मजदूरी हडप करने वाले ठेकेदारों में दीपक गुप्ता, सुंदर गुप्ता, रोहित पनारिया, डी डी पनारिया और कृष्णा कुमार पोट्टाम आदि के नाम सामने आये हैं. भ्रष्टाचार का आलम यह है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 हितग्राहियों के डेढ़ लाख रुपयों से अधिक राशि भी आहरित करके हड़प कर ली गई है।

किसान सभा ने मजदूरों द्वारा प्राप्त जानकारियों के आधार पर हडपी गई राशि का मदवार विवरण भी पेश किया है जिसके अनुसार शौचालय निर्माण के 30428 रूपये, भूमि समतलीकरण के काम के 33390 रूपये, डबरी निर्माण के 44400 रूपये, नाली निर्माण के 50400 रूपये, पुलिया निर्मन के 50920 रूपये, कुंआ निर्माण के 95552 रूपये हड़प कर लिए गए हैं. इसी प्रकार प्रधानमंत्री आवास योजना के 18 हितग्राहियों के 131550 रूपयों का भुगतान नहीं किया गया है. उल्लेखनीय है कि इन सभी मदों की राशि आहरित कर ली गई है ।

किसान सभा नेताओं ने आरोप लगाया है कि जिले के लगभग सभी पंचायतों में हजारों मजदूरों की करोड़ों रुपयों की मजदूरी पिछले पांच सालों में इसी तरह हडप कर ली गई है. इस मजदूरी हड़प के लिए पिछला भाजपा और वर्तमान कांग्रेस शासन सीधे-सीधे जिम्मेदार है और इन ठेकेदारों व पंचायत प्रतिनिधियों की इन पार्टी के नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ इस भ्रष्टाचार में सीधी मिलीभगत है, जिसके कारण पीड़ित मजदूर अपनी मजदूरी के भुगतान के लिए चक्कर लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस-भाजपा के विकल्प के नाम पर जिस जोगी कांग्रेस को उन्होंने प्राथमिकता दी थी, उसने भी मजदूर-किसानों की रोजी-रोटी की बुनियादी समस्याओं को हल करने की कभी कोशिश नहीं की।

छत्तीसगढ़ किसान सभा ने मजदूरों की हडपी गई मजदूरी का तुरंत भुगतान करने तथा दोषी अधिकारियों-ठेकेदारों-पंचायत प्रतिनिधियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है. लगभग ढाई हजार की जनसंख्या वाले नगवाही पंचायत के ग्रामीणों ने मजदूरी भुगतान न होने की दशा में विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने तथा प्रचार के लिए कांग्रेस-भाजपा-जोगी कांग्रेस को गांव में घुसने न देने का फैसला किया है।

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