बिलासपुर // शनिवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्र सरकार का बजट पेश किया उससे पहले वो राष्ट्रपति से मुलाकात की और उनकी अनुमति के बाद संसद पंहुची, फिर केबिनेट की बैठक में हिस्सा लिया और केबिनेट की मंजूरी के बाद अपना बजट पेश किया है। बजट को लेकर कांग्रेसी नेताओं ने कहा है कि यह जनता के साथ छलावा और ठगने वाला बजट है इससे आम जनता को कोई राहत नही मिलने वाली यह सिर्फ लोकलुभावन बजट है ।।
2020 के बजट को लेकर प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव ने कहा है कि यह कल्पनातीत बजट है ,जिसमे भारतीय जनताऔर छत्तीसगढ़ ठगा सा महूसस कर रहा है,महंगाई नियंत्रण पर कोई बात नही की गई है,केवल भ्रामक योजनाओ की बाते की है पर उनके क्रियान्वन के लिए व्यवस्था कैसे होगी इस पर कोई स्पष्टता का अभाव है।
शहर विधायक शैलेष पांडेय ने कहना है कि शिक्षा को एफ डी आई में लाना शिक्षा की मूल उद्देश्य से भटकाना है,शिक्षा और महंगी होगी जो आम जन को शिक्षा से वंचित कर देगा,मोदी के बच्ची पढ़ाओ-बच्ची बढ़ाओ स्लोगन पर कोई विशेष पैकेज नही दिया गया ,यह बजट केवल दिवा सपना है,जिसे अचीव करना असंभव लगता है।
महापौर रामशरण यादव ने कहा कि बजट में स्थानीय निकायों को नगर विकास के लिए कोई संसाधनों की घोषणा न कर एक तरह से शहरी आबादी को बजट से पृथक रखा गया है।
प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय ने कहा कि बजट में युवाओ के लिए ,गृहिणीयो के लिए,छात्र, गरीब ,के लिए कोई योजना नही है ,पेट्रोल-डीजल की कीमत नियंत्रण की बात नही ,रोजगार सृजन पर चर्चा नही,गरीबो के रोजगार गारंटी पर कोई चर्चा नही,मजदूरों के लिए कोई योजना नही है ,बजट पूर्व बजट की तरह निराशा और उद्योगपतियो को लाभ पहुचने वाला और गरीबो को गरीब करने वाला है।
महिला कांग्रेस की शहर महामंत्री ममता साहू ने कहा कि सशर्त टैक्स स्लैब में छूट और बड़े पूंजीपतियों को भारी मात्रा में छूट इस बात के उदाहरण है।मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी लोगों की आय में ताक झांक और इस पर टैक्स लगाने का काम किया गया है। अर्थव्यवस्था की सुस्ती को दूर करने के नाम पर मिडिल क्लास और गरीबों पर तरह-तरह के बोझ लादे गए हैं। इतना ही नहीं इन बोझ के बदले राहत बिल्कुल ऊंट के मुंह में जीरे की तरह की गई है। इस तरह बजट २०२० केवल दिखावा है और पूरी तरह से खोखला है जिसका प्रभाव जनमानस पर प्रतिकूल पड़ेगा।
शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलर ने कहा कि बजट में वर्तमान असफलता को भी सरकार अपनी सफलता बता रही है ,एन पी ए में लगातार वृद्धि हो रही है ,बैंक आर्थिक संकट में गुजर रहे है पर वित्त मंत्री ने कहा एन पीए में कमी आई है ,जबकि बजट में ही आई डी बी आई बैंक और एल आई सी के हिस्से बेचने के लिए कृत संकल्प है ,कहीं न कहीं एन पीए के कारण है,
ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि व्यापारियों को जीएसटी स्लैब में सरलीकरण की अपेक्षा थी पर बजट में निराशा ही हाथ लगी ,वही सर्वाधिक विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाले क्षेत्र लघु-कुटीर उद्योग के विकास के लिए कोई ठोस आर्थिक पैकेज नही दिया गया है जबकि इन उद्योगो से जुड़े लोग भूख मरने की स्थिति में है,और उद्योग बन्द हो रहे है।
कार्यवाहक अध्यक्ष प्रमोद नायक ने कहा कि बजट में कृषि क्षेत्र में 2022 तक आमदनी दोगुनी होने की बात की गई पर कैसे होगी इसका उल्लेख नही किया गया ,आज किसान विभिन्न कारणों से आत्महत्या करने के लिए मजबूर है पर उनके लिए बजट में कोई विशेष प्रावधान नही है।
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