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पत्नी को वापस पाने पति ने लगाई बंदिप्रत्यक्षिकरण याचिका, साथ रहने कोर्ट ने दिया आदेश

युवती द्वारा अंतरजातीय प्रेम विवाह करने पर परिजनो द्वारा की गई शिकायत पर पुलिस ने बयान के लिए युवती को थाने बुला परिजनों को सौंप दिया जिस पर युवक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की ,

बिलासपुर // पत्नी को वापस पाने पति के द्वारा हाईकोर्ट चीफ जस्टिस के डिवीजन बैंच में लगाई गई बंदिप्रत्यक्षिकरण की याचिका को स्वीकार कर लड़की से सीजे ने पूछताछ किया है , लड़की ने पति के साथ रहने की बात कही। जिस पर कोर्ट ने युवती को उसके पति के कस्टडी में देने और पूर्ण सुरक्षा देने का निर्देश दिया है।

दरअसल तिफरा के रहने वाले इमरानुद्दीन खान का प्रेम विवाह बिलासपुर की रहने वाली हिंदू लड़की से हुआ था। लड़की के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने थाने में बुला कर लड़की का बयान लिया और परिजनों को सौंप दिया। इसके बाद से लड़की अपने पति के पास नहीं जा पाई। थाने से पत्नी के घर नहीं आने पर इमरानुद्दीन ने जानकारी ली,तो पता चला कि उसकी पत्नी को पुलिस ने उसके परिजनों को सौंप दिया है।

इस पर इमरानुद्दीन ने अधिवक्ता पुनीत रूपल के माध्यम से हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाकर बताया कि बयान लेने का क्षेत्राधिकार पुलिस के पास नहीं है। बयान सिर्फ तहसीलदार या एसडीएम ही ले सकते हैं। उसने हाईकोर्ट से पत्नी के मायके वालों से पत्नी को वापस दिलाने और उसके साथ भेजने की मांग कि ।मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन के डिवीजन बैंच में हुई। कोर्ट ने लड़की को बुलाकर मामले के बारे में जानकारी लिया। लड़की ने इमरानुद्दीन के साथ जाने के लिए तैयार थी, सेकेंड हॉफ के बाद उसकी बातों को सुन कोर्ट ने सिरगिट्टी थाना प्रभारी को बुलाकर सुरक्षा सहित घर पहुंचाने का आदेश दिया। साथ ही थाना प्रभारी पर बालिग लड़की से थाने में बयान लेने के लिए नाराजगी भी व्यक्त की।

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