थम नहीं रहा अवैध प्लाटिंग का खेल… मंगला से लगे लोखंडी और अन्य गांवों की जमीनों पर भू-माफियाओं का कब्जा… 50 एकड़ में बिना अनुमति बसा रहे कॉलोनियां… चेहरा देख हो रही कार्रवाई…
बिलासपुर, फरवरी, 18 / 2024
न्यायधानी बिलासपुर के नगर निगम और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के नियमों को ताक में रखकर अवैध प्लाटिंग पर रोक लगाने के लिए कलेक्टर ने जॉइंट टीम बनाई गई है। लेकिन बावजूद इसके मंगला से लगे हुए लोखंडी सहित कई गांव की निजी और सरकारी जमीनों में अवैध प्लाटिंग का खेल काफी धड़ल्ले से चल रहा है। भू-माफिया सरकारी आदेशों को दरकिनार कर बकायदा पाम्पलेट छपवा कर लोगों को बिजली, पानी, नाली और सड़क का सब्जबाग दिखाकर बेधड़क कॉलोनी बसा रहे हैं। लेकिन, जॉइंट टीम इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

दरअसल, बिलासपुर में कॉलोनाइजर लाइसेंस न लेना पड़े इसलिए भू-माफिया किसानों की कृषि जमीनों का एग्रीमेंट कर प्लाट काटकर बेचने का गोरखधंधा कर रहे हैं। यह अवैध प्लाटिंग का खेल पिछले लंबे समय से चल रहा है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अवैध प्लाटिंग कर कॉलोनी बसाने वालों पर सख्ती से कार्रवाई करने का दावा किया गया था । लेकिन, यह सब कागजों तक सीमित रहा गया। यही वजह है कि शहर के आउटर इलाके जैसे कोनी, बिरकोना, मोपका, बहतराई, बिजौर, चिल्हाटी, लगरा, सिरगिट्टी, यदुनंदन नगर तिफरा, गोकुल नगर और सकरी,लोखंडी हाफा जोकी सहित आसपास यह खेल बड़े पैमाने पर बेरोकटोक चल रहा है।

मंगला के आगे लोखंडी और उससे लगे हांफा, जोंकी सहित आसपास के गांव की कृषि भूमि है। यहां अवैध प्लाटिंग व सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा हो तो नगर निगम की टीम सीधे तौर पर कार्रवाई नहीं कर सकती। ऐसे में भू-माफियाओं के लिए इस तरह की कृषि और सरकारी जमीन अवैध प्लाटिंग का बड़ा जरिया बन गया है। यहां तकरीबन 50 एकड़ जमीन पर अलग-अलग भू-माफियाओं ने डब्ल्यूबीएम और कांक्रीट सड़क बनाकर अवैध प्लाटिंग शुरू कर दी है। मजेदार बात यह है कि बिना डायवर्सन और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की अनुमति के बगैर यहां बिजली, पानी, नाली और सड़क जैसी सुविधाएं मुहैया कराने का दावा किया जा रहा है।

स्थानीय निवासी विवेक सैनी का कहना है कि अवैध प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ कई बार शिकायतें की जा चुकी है। नगर निगम की टीम मंगला तक कार्रवाई करने पहुंचती है। यहां भी चेहरा देखकर कार्रवाई की जाती है। वहीं, मंगला से लगे लोखंडी सहित आसपास के गांव की जमीनों पर अवैध प्लाटिंग के अवैध धंधे में ग्राम पंचायत से लेकर राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत है। एक तरह से यहां गिरोह काम कर रहा है, जो शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने के लिए किसानों की जमीन का एग्रीमेंट कर अवैध प्लाटिंग कर कॉलोनी बसा रहे हैं। सकरी के
नायब तहसीलदार लीलाधर चंद्रा ने भी माना कि गिरोह सक्रिय है इस मामले पर तहसीलदार चंद्रा का कहना है कि नगर निगम से लगे जिन गांव में अवैध प्लाटिंग करने की जानकारी मिली है और एसडीएम से दिशानिर्देश मिले है, जिसके बाद संयुक्त टीम बनाकर जानकारी मंगाई गई है। आरआई, पटवारी के साथ ही टीम को अवैध प्लाटिंग पर टीएनसी एप्रुवल, रेरा का एप्रुवल सहित जांच रिपोर्ट मंगाई गई है। शहर से लगे गांव की कृषि भूमि में अवैध प्लाटिंग में गिरोह सक्रिय है, जिसके कारण बहुत सारे नक्शा, बटांकन व राजस्व रिकार्ड में खामियां मिल रही है। इसमें विभाग से जुड़े लोगों की भी संलिप्तता हो सकती है। विस्तृत जांच रिपोर्ट आने के बाद पूरे मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और वह जो भी हो उनके खिलाफ कार्रवाई किया जाएगा।
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