बिलासपुर, अगस्त, 30/2025
स्मारिका विमोचन पर बिलासपुर पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह… काशीनाथ गोरे के योगदान को बताया अविस्मरणीय… भूपेश पर साधा निशाना… कहा मुझे छत्तीसगढ़ में रहने दो…
बिलासपुर। स्वर्गीय काशीनाथ गोरे की स्मृति में प्रकाशित स्मारिका का विमोचन शनिवार को छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) के ऑडिटोरियम में किया जाएगा। इस अवसर पर राष्ट्रीय सरसंघचालक मोहन भागवत विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह बिलासपुर पहुंचे।
सर्किट हाउस में मीडिया से चर्चा करते हुए डॉ. सिंह ने कहा
“आज हम सबके लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है। राष्ट्रीय सरसंघचालक जी का आगमन हो रहा है और वे संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता एवं बिलासपुर संभाग संयोजक रहे काशीनाथ गोरे जी पर आधारित स्मारिका का विमोचन करेंगे। उनका मार्गदर्शन हमें प्राप्त होगा, जो छत्तीसगढ़ समेत पूरे समाज के लिए प्रेरणादायी होगा।”
राष्ट्रीय स्तर पर विशेष आयोजन
उन्होंने बताया कि संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर पूरे देश में 1000 से अधिक गोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं। बिलासपुर का यह आयोजन भी उसी श्रंखला का हिस्सा है। डॉ. सिंह ने कहा— “राष्ट्रीय स्तर के सरसंघचालक का बिलासपुर आना हमारे लिए सौभाग्य है। निश्चित रूप से यह आयोजन समाज के अन्य वर्गों के लिए भी मार्गदर्शनकारी होगा।”
काशीनाथ गोरे का योगदान अविस्मरणीय… उनकी प्रेरणा से भारत माता चिकित्सालय का हुआ विस्तार
विधानसभा अध्यक्ष ने स्वर्गीय गोरे के व्यक्तित्व को याद करते हुए कहा कि जब उन्होंने राजनीति की शुरुआत की थी, उस समय कवर्धा प्रवास के दौरान काशीनाथ जी से उनका सानिध्य मिला। उनके मार्गदर्शन में भारत माता चिकित्सालय जैसे सेवा प्रकल्प ने आज बड़े प्रोजेक्ट का रूप ले लिया है, जिसमें शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों ही क्षेत्र शामिल हैं।
उन्होंने कहा— “काशीनाथ जी सहज और सरल स्वभाव के थे। उनका घर हमेशा सभी कार्यकर्ताओं के लिए खुला रहता था। वे केवल भाजपा ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत थे। संघर्ष और सेवा के प्रतीक के रूप में वे संघ कार्यकर्ताओं के लिए आदर्श उदाहरण हैं।”
राजनीतिक टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया
पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों पर डॉ. सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हालिया बयानों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व की भाषा लोकतांत्रिक गरिमा के अनुरूप नहीं है।
“मोदी जी और राष्ट्रीय नेतृत्व के खिलाफ जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया जा रहा है, वह शोभनीय नहीं है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पद की गरिमा को ठेस पहुँचाना उचित नहीं है,” उन्होंने कहा।
छत्तीसगढ़ में शांति और विकास का माहौल डॉ. सिंह ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा अच्छे ढंग से संचालित हो रही है और सत्ता-विपक्ष के बीच स्वस्थ वातावरण बना हुआ है।
उन्होंने कहा— “मुझे छत्तीसगढ़ में रहने दिया जाए, यहां कोई दिक्कत नहीं है। पेपरों में कभी-कभी अनावश्यक बातें लिख दी जाती हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि राज्य पूरी तरह से भला-चंगा और विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है।”
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