बिलासपुर // न्यायालय ने मेडिकल प्रेक्टिशनर न होते हुए मरीज को इंजेक्शन लगा कर उसके जीवन को संकट में डालने के आरोपी झोलाछाप डॉक्टर की पुनरीक्षण याचिका में सुनवाई उपरांत म प्र आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम की धारा 11/24 में उसे(झोला छाप डाक्टर को) एक वर्ष कैद व् अर्थदंड की सजा सुनाई है।
सीपत थाना क्षेत्र के ग्राम कोडिया निवासी वर्षा देवी का स्वास्थ्य खराब होने पर पति बीरबल वस्त्रकार ने गांव में डॉक्टरी करने वाले कपिल नारायण पटेल को बुलाया गया। 10 अगस्त 2009 को डॉक्टर ने दोपहर 2 बजे बीमार वर्षा देवी को इंजेक्शन लगाया। इसके 10 मिनट बाद ही उसके हाथ, पैर, चेहरे व, जीभ, पीठ सहित पूरे शरीर पर फफोला निकल गया। उसके आँख की रोशन भी कम हो गई। पीड़िता को उपचार के लिए बिलासपुर में भर्ती किया गया। पीड़िता ने मामले की रिपोर्ट सीपत थाने में दर्ज कराई। पुलिस ने प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है। डॉक्टर ने पैरामेडिकल प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में पंजीयन कराया है। मेडिकल प्रेक्टिशनर न होते हुए भी वह डॉक्टर के रूप में इलाज कर रहा था।उसे जेएमएफसी न्यायालय ने दण्डित किया था। इसके खिलाफ उसने पुनरीक्षण याचिका दाखिल की। सीजीएम कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने मेडिकल पेक्टिशनर न होते हुए भी इलाज करने का दोषी पाया है। न्यायालय ने म प्र आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम की धारा 11/24 के तहत 1 वर्ष कैद 5000 रुपये अर्थदंड, भ द वी की धारा 338 में 6 माह कैद व् 1000 रु अर्थदंड की सजा सुनाई है।
Author Profile
Latest entries
Uncategorized04/12/2025बालको सेक्टर-6 में जी-9 आवासीय प्रोजेक्ट पर रोक: अनुमति प्रक्रिया पर उठे सवाल, डीएफओ ने दिया निर्माण बंद करने का आदेश…
धर्म-कला -संस्कृति04/12/2025शिविर में अध्यात्म नहीं, सेक्स पर ज्ञान! बाबा परम आलय के बयान पर उठे सवाल… धर्म मंच पर ‘गाड़ी टेस्ट’ का उदाहरण… बाबा के बयान ने बढ़ाया विवाद…
राजनीति02/12/2025पोस्टर विवाद में कांग्रेस नेताओं पर FIR पर बवाल,,, विरोध में कांग्रेसियों का थाना में हल्ला बोल,,, नेताओं ने दी सामूहिक गिरफ्तारी…
बिलासपुर29/11/2025दिल्ली IAS एकेडमी ने रचा इतिहास: CGPSC-2024 में 153 चयन, प्रदेश टॉपर भी इसी संस्थान से…
