सेंट बैंक फर्जीवाड़ा मामला… कब होगी जांच पूरी… कौन बोल रहा सच …? कौन है झूठा …? न्याय की आस में भटकते पीड़ितों को कब मिलेगी राहत… बैंक और लोगों को चूना लगाने बिना नक्शा पास कराए महाठग ने बनवाए आलीशान कॉम्प्लेक्स…
बिलासपुर, जून, 27/2023
दुकान और फ्लैट बिक्री के नाम पर करोड़ो रुपए का चूना लगाने वाले वालिया कंस्ट्रक्शन के संचालक राजेश सेठ निगम के अधिकारियों से सांठगांठ कर आवासीय नक्शा पास करा कर नक्शा विपरीत 15 फ्लैट और कई दुकानों का आलीशान काम्प्लेक्स विनायक हाईट्स और विनायक होम निर्माण कर लिया। सांठगांठ से बिल्डिंग निर्माण से पूर्व चंद दुकान और फ्लैट विपरीत मनमाना फ्लैट का निर्माण होते रहा, इस बीच नगर निगम और टाउन एन्ड कंट्री के अधिकारी विनायक हाईट्स बिल्डिंग निर्माण के कार्य पर प्रतिबंध नही लगा सके। राजेश सेठ ने अपने अवैध मंसूबों को सफल बनाने के लिए विनायक हाईट्स और विनायक होम के निर्माण में अनेकों प्रकार के शासकीय नियमों को कुचलकर रख दिया। राजेश सेठ ठगी में दस्तावेज़ बनाकर राजेश सेठ ने अपनी पत्नी के नाम सरकारी जमीन चढ़वा ली। जानकारी मुताबिक राजेश सेठ ने वालिया कंट्रक्शन नामक फर्जी कंपनी बनाकर तारबहार महात्मा गांधी वार्ड में विनायक हाईट्स और विनायक होम का निर्माण कराया है। जिस बिल्डिंग का निर्माण कराने के पूर्व महाठग राजेश सेठ ने बैंक ऑफ बड़ौदा से लोन लिया वही जब बिल्डिंग बन गई तो जिन लोगों ने विनायक हाईट्स और विनायक होम में फ्लैट खरीदना चाहा राजेश सेठ ने उन लोगों को भी सेंट बैंक के कर्मचारियों से सांठगांठ कर लोन दिलवा दिया।
आखिर कब होगी जांच पूरी…
बिलासपुर के थाना तारबहार में कूट रचना फर्जी दस्तावेज, नगर निगम की फर्जी सील लगाकर नक्शा पास मामले की जांच सालों बीत जाने के बाद भी लटकी हुई है। थाना तार बाहर में बिल्डर दंपत्ति राजेश सेठ रजनी सेठ सहित सेंट बैंक के अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी के अलग-अलग मामले दर्ज हैं लेकिन सब में कहानी एक ही है। कुछ मामलों में तत्कालीन सीएसपी मंजूलता बाज ने अपनी तहकीकात में बैंक की भूमिका को भी संदिग्ध माना था और संबंधित अपराध के मामले में आरोपियों के खिलाफ कई और गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया था जिसमे बैंक के अधिकारी कर्मचारी भी शामिल है। वही इस मामले में आधा दर्जन से ज्यादा होनहार काबिल पुलिस अफसर इस मामले की पूरी तरह से जांच अभी तक करने में नाकाम रहे हैं..? या किसी दबाव में जांच कार्यवाई को किसी अंजाम तक पहुंचाना नही चाहते है।
न्याय के लिए भटक रहे पीड़ित…
पीड़ितों का आरोप है कि आरोपी राजेश सेठ और उसकी पत्नी रजनी सेठ ने फर्जीवाड़ा कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक ऑफ बड़ौदा में गिरवी रखी हुई जमीन को सेंट बैंक के अधिकारियों से सांठगांठ कर फर्जी तरीके से उन्हें बेच दिया। बिना बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत के इस फर्जीवाड़े को अंजाम नहीं दिया जा सकता था इस मामले में पीड़ित लगातार न्याय के लिए पुलिस अफसरों के चक्कर लगाने को विवश नजर आ रहे हैं लेकिन पुलिस आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करते नजर नहीं आ रही है। पीड़ितों को सिर्फ जांच का बहाना बनाकर पुलिस अधिकारी गुमराह कर रहे हैं।
पुलिस और बैंक की अलग अलग कहानी…
वही इस मामले में पुलिस का कहना है की जांच के लिए जरूरी दस्तावेज के लिए सेंट बैंक को पत्र लिखा गया है लेकिन सेंट बैंक के अधिकारी पुलिस को इस फर्जीवाड़े से संबंधित फाइल और दस्तावेज नहीं सौंप रहे हैं। जब हमने इस मामले में सेंड बैंक के अधिकारियों का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि वह पुलिस जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं और पुलिस द्वारा मांगे गए समस्त दस्तावेज उन्होंने पुलिस को सौंप दिए है और बैंक के अधिकारी भी चाहते है की इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही हो।
पुख्ता सूत्रों और बैंक अधिकारियों की माने तो बिल्डर दंपती और सेंट बैंक की मिलीभगत से आमजनों के साथ की गई धोखधड़ी से जुड़े तमाम साक्ष्य दसतवेजो के रूप में पुलिस अफसरों के पास मौजूद है और अफसर अभी भी दस्तावेज नहीं होने और बैंक द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाने की बात कह रहे है ! इस मामले में कौन सच बोल रहा कौन झूठ बोल रहा है इसमें भी पुलिस द्वारा गोलमाल जवाब देना पुलिस विभाग को कटघरे में खड़ा कर रहा है ? आखिर पुलिस अफसर इस प्रकरण को सुलझाने और पूरे मामले का सच सामने लाने में कोई दिलचस्पी क्यों नही ले रहे है ये भी एक सवाल है ..?
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