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आबकारी स्टेट टीम की छापेमारी… रायपुर से बिलासपुर आकर टीम ने पकड़ा अवैध शराब का जखीरा… बिलासपुर आबकारी महकमा नींद में खुली पोल…

बिलासपुर, मई, 19/2025

आबकारी स्टेट टीम की छापेमारी… रायपुर से बिलासपुर आकर टीम ने पकड़ा अवैध शराब का जखीरा… बिलासपुर आबकारी महकमा नींद में खुली पोल…

रविवार को न्यायधानी की आबकारी विभाग के अफसरो और महकमें की नाकामी साफ दिख रही थी क्योंकि रायपुर से स्टेट टीम को बिलासपुर आकर कार्रवाई करनी पड़ी और अवैध शराब का जखीरा पकड़ना पड़ा।

सेंट्रल आबकारी टीम ने बिलासपुर के चकरभाठा में अवैध शराब का जखीरा पकड़ा है और इस कार्रवाई के लिए टीम को रायपुर से बिलासपुर आना पड़ा सवाल उठता हैं कि आखिर बिलासपुर की आबकारी टीम क्या कर रही थी उसे पता नहीं था यहां कच्ची महुआ शराब और लहान बिक रहा था या सब जान कर भी टीम कार्रवाई नहीं कर रही थी चकरभाठा के इस क्षेत्र में लंबे समय से अवैध शराब बिकते आ रही है। यहां के ग्रामीण भी अवैध कारोबार पर कार्रवाई न होने से परेशान है। हालांकि सूत्र बताते है सब सेटिंग का खेल है इसलिए सब देख कर भी विभाग अनदेखा कर देता है जब ऊपर थोड़ा दबाव आए तो दिखावे की कार्रवाई कर दो वरना सब मिलजुल के काम कर लो। यही कारण है कि बिलासपुर मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर अवैध शराब का कारोबार संचालित हो रहा था और विभाग को भनक तक नहीं लगी। शिकायत पर रायपुर से सेंट्रल आबकारी टीम को आ कर यहां करवाई करनी पड़ी जिले की टीम के अलावा यहां संभाग उड़नदस्ता टीम भी मौजूद है उसके बावजूद रायपुर से टीम को आना पड़ा। रविवार को जो कुछ हुआ जिले के आबकारी अफसरों की नाकामी साफतौर पर देखी जा सकती है। रायपुर से आबकारी विभाग की छापामार टीम चकरभाठा पहुंचती है और बड़ी मात्रा में महुआ शराब की जब्ती भी कर लेती है। यहां तालाब से बड़ी मात्रा में स्टेट की आबकारी टीम ने महुआ, लहान जब्त किया है।

स्टेट टीम की छापामार कार्रवाई में खुली बिलासपुर आबकारी अफसरों की पोल….

चकरभाठा थाना क्षेत्र के वर्मा मोहल्ला (वार्ड क्रमांक 9) में रायपुर सेंट्रल आबकारी विभाग की टीम ने रविवार को छापामार कार्रवाई करते हुए देसी कच्ची शराब बनाने के बड़े अड्डे का भांडाफोड़ किया। छापे के दौरान भारी मात्रा में महुआ और लहान जब्त किया गया है।  इस मोहल्ले में लंबे समय से कच्ची शराब का कारोबार खुलेआम चल रहा था। स्थानीय लोगों में चर्चा है कि शराब बनाने वालों को राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है। सूत्र यह भी बताते है कि विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत और ‘महीने’ की व्यवस्था के कारण अब तक कार्रवाई नहीं की गई। यही कारण है कि रायपुर की टीम को हस्तक्षेप करना पड़ा और सैकड़ों लीटर अवैध लहान और महुआ को नष्ट किया गया। देखा जाए तो गांव-गांव में जिस तरह कच्ची शराब बना धड़ल्ले से बेची जा रही है, इस भीषण गर्मी के इस मौसम में कभी भी किसी भी गांव में लोफंदी की तरह बड़ा हादसा होने की आशंका भी बनी हुई है।

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Lokesh war waghmare - Founder/ Editor