अधिवक्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता प्रियंका ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को लिखा पत्र, नक्सल इलाकों में महिला स्टाफ के साथ लैंगिक दुर्भावना और प्रताड़ित करने का मामला ।

अधिवक्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता प्रियंका शुक्ला ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को खत लिखा है जिसमे उन्होंने नक्सल इलाको में महिला स्टाफ़ को अधिकारी द्वारा अलग अलग तरीको से प्रताड़ित करने को लेकर अवगत कराया है ।

प्रति,श्रीमान मुख्यमंत्री महोदय छत्तीसगढ़, शासन,द्वारा:- कलेक्टर बिलासपुर महोदय विषय:- विभाग के लोगो द्वारा माओवाद प्रभावित इलाकों में महिला स्टाफ के साथ लैंगिक दुर्भावना रखते हुए, कभी सेल्फी लेकर अटेंडेंट करके, तो कभी मुँह खोलने पर डराने का लगातार प्रयास कर फर्जी मामले में फ़साने के प्रयास करके प्रताड़ित किये जाने बाबत।

महोदय,निवेदन है कि बीजापुर, बस्तर संभाग के अंतर्गत संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर में कुछ समय पहले जिले के महिला बाल विकास अधिकारी के द्वारा आदेश दिया गया था कि सब स्टॉफ अपनी अपनी सेल्फी पोस्ट किया करेंगे अटेंडेंस देने के लिए, जिसको वहां के महिला स्टॉफ ने बड़े अधिकारी के आदेश को मानते हुए, व्हाट्सएप में डालना शुरू किया था, किंतु असहमत थी।
कुछ समय बाद खबर मिलती है कि महिलाओं की फ़ोटो को लेकर लोग देखते है और टिप्पणी किया करते है, फ़ोटो कही की कही भेजी जा रही है, जिसके बाद सभी महिलाओं ने इसको अपने अधिकारियों को स्वयं जाकर बताया भी और लिखित शिकायत भी करी, लेकिन डीपीओ साहब ने महिलाओ की दिक्कत को समझने के बजाय और जोर देने में लग गये कि सेल्फी पोस्ट करना है औऱ महिलाओ को बोला कि सामान्य सी फ़ोटो है, आखिर क्या दिक्कत है आप लोगो को इसमे, जिस पर महिलाएं काफ़ी डर गई कि बड़ा अधिकारी से कौन लड़े और डरकर चुप हो गयी थी।इस घटना की सूचना मुझे प्राप्त होने के पश्चात मेरे द्वारा इसकी शिकायत रायपुर में मेल करके की गई थी, और उस वक्त की महिला अधिकारी आयुक्त एम गीता जी से फोन के द्वारा भी घटना के बारे में बताया गया था।हाल ही में मेरे द्वारा की गई शिकायत पर एक जांच समिति को बनाकर जांच किये जाने की खबर मुझे लगी, तो थोड़ा बेहतर लगा ही था कि फिर से वहां के महिला स्टाफ को द्वेषपूर्ण तरीके से फ़साने और मानसिक प्रताड़ना दिए जाने की खबर मिल रही है।क्योंकि एक महिला स्टाफ से ने एक असंवेदनशील अधिकारी के ख़िलाफ़ बयान दिया और गलत के ख़िलाफ़ आवाज उठाई है और जांच समिति के समक्ष बयान दिया है।
पुनः निवेदन है कि माओवाद प्रभावित क्षेत्र में काम करने वाले यदि महिला अधिकारी ही खुद प्रताड़ित हो रही है, तो आखिर आम महिला को न्याय दिलाने के लिए कौन आगे आएगा, और माओवाद प्रभावित क्षेत्र में काम करने वाले भी जल्दी नही मिलते। ऐसे में तो आपको अपनी इन महिला स्टाफ को खूब सम्मान और प्यार देना था, उल्टा अपमान, लैंगिक भेदभाव और प्रताड़ना मिल रही है।
अतः उक्त मामले को संज्ञान में लेकर दोषी अधिकारी पर कार्यवाही की जाए, और महिला स्टॉफ जो बेहद डरे हुए है, उनको सुनिश्चित किया जाये कि उनके साथ गलत नही होने दिया जाएगा।
न्यायहित में आदेश दिए जाने की कृपा करें, यदि ऐसा नही होता, तो माननीय उच्च न्यायालय के शरण मे जाने को मजबूर हूँ।

प्रेषित प्रतिलिपि :- 1) सचिव छत्तीसगढ़ शासन
2) आयुक्त, महिला एवं बाल विकास , रायपुर
3)कलेक्टर, बीजापुर 4) राज्य मानवाधिकार आयोग 5) राज्य महिला आयोग
6)राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग 7)राष्टीय महिला आयोग । प्रियंका शुक्ला,अधिवक्ता
(मानवाधिकार कार्यकर्ता) बिलासपुर, छत्तीसगढ़

Author Profile

Lokesh war waghmare - Founder/ Editor
Latest entries

Lokesh war waghmare - Founder/ Editor

Next Post

छग प्रदेश सरकार के खिलाफ भाजपा का आंदोलन, समर्थन मूल्य में धान खरीदी को लेकर भाजपा 10 और 13 नवंबर को पूरे प्रदेश में करेगी प्रदर्शन

Thu Nov 7 , 2019
रायपुर // प्रदेश भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में आयोजित बैठक में कांग्रेस सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में धान खरीदी नहीं करने के विरोध में प्रदर्शन करने का फैसला लिया गया है। बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि धान खरीदी […]

You May Like

Breaking News