जमीन फर्जीवाड़ा : सरकारी जमीन को निजी व्यक्ति के नाम चढ़ा बेच दी लाखो में… षड्यंत्रकारी प्रवीन पाल नागेंद्र और पटवारी की मिलीभगत… राजस्व विभाग और पुंलिस कि उदासीन रवैये से परेशान पीड़ित न्याय पाने दर-दर भटकने मजबूर…

जमीन फर्जीवाड़ा : सरकारी जमीन को निजी व्यक्ति के नाम चढ़ा बेच दी लाखो में… षडयंत्रकारी प्रवीन पाल नागेंद्र और पटवारी की मिलीभगत… राजस्व विभाग और पुंलिस कि उदासीन रवैये से परेशान पीड़ित न्याय पाने दर-दर भटकने मजबूर…

बिलासपुर, फरवरी, 20/2023

बिलासपुर में सरकारी जमीनो का फर्जीवाड़ा कम नही हो रहा है लगातार सरकारी जमीन की बंदरबांट करने का मामले सामने आ रहे है,पटवारी और जमीन दलाल मिल कर सरकारी जमीनों को निजी व्यक्ति के नाम चढ़ा कर उसे बेचने का खेल खेल रहे है, मोपका, चिल्हाटी के चर्चित भोंदूदास जमीन फर्जीवाड़े मामले के बाद अब सेमरताल में ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है,जहां जमीन दलालो ने पटवारी से मिलीभगत कर सरकारी जमीन को पहले निजी व्यक्ति के नाम चढ़वाया फिर उसे अन्य व्यक्तियों को बेच दिया,मामले में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद जमीन खरीदने वाले पीड़ितों ने जमीन दलाल और पटवारी के खिलाफ इसकी शिकायत कलेक्टर, एसपी और कोनी थाने में की है मामले में एफआईआर दर्ज हुए महीनों हो गए लेकिन पुंलिस ने अब तक किसी को भी तक गिरफ्तार नही किया है,पीड़ित महीनों से न्याय पाने दर-दर भटकने को मजबूर है,एसपी और कलेक्टर से गुहार लगाने के बाद भी पीड़ित को न्याय नही मिल रहा है।

ऐसा ही एक मामला बिलासपुर के सेंदरी मोपका बायपास के ग्राम रमतला में सामने आया है राजस्व विभाग की मिलीभगत से 174/05 खसरे कि शासकीय जमीन को षड्यंत्र पूर्वक मोपका निवासी प्रवीन पॉल ने रमतला में 17. 5 डिसमिल जमीन बेचने का झांसा दे नागेंद्र द्विवेदी के नाम के दस्तावेज दिखा कर 28 लाख 80 हजार में सौदा कर शासकीय ज़मीन बेच दी । खसरा न.174/05 की जमीन के दस्तावेज को पूर्व पटवारी अशोक धुव्र ने जारी किये थे। जिसका बी1, पी2 नागेंद्र द्विवेदी के नाम दर्ज था। इन दस्तावेजों में डिजिटल सिंगनेचर पटवारी प्रिया द्विवेदी के है। सवाल उठता है कि अगर ये जमीन शासकीय है तो फिर यह जमींन निजी व्यक्ति के नाम कैसे चढ़ गई इसमें पटवारी और प्रवीन पॉल कि मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता। पीड़ित ने इस मामले को लेकर कलेक्टर, एसडीएम और एसपी से प्रवीन पाल, नागेंद्र द्विवेदी, पटवारी प्रिया द्विवेदी के खिलाफ लिखित शिकायत करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी कर उन पर कार्यवाई की मांग की है।

पुंलिस और राजस्व विभाग ने नही की कोई कार्यवाई…

राजस्व विभाग और पुंलिस की उदासीनता के चलते प्रार्थी मोहम्मद आरिफ और उनके पार्टनर मोहम्मद अतीक न्याय पाने दर दर भटकने को मजबूर है प्रवीन पाल ने फर्जीवाड़ा करके शासकीय जमीन निजी बता कर पीड़ित को बेच दी अपनी सारी जमापूंजी लगा कर आरिफ और अतिक ने यह जमीन ख़रीदी थी। धोखाधड़ी होने पर कोनी थाने में मामला दर्ज कार्यवाया तत्कालीन टीआई सुखनंदन पटेल ने धोखाधड़ी और 420 के तहत एफआईआर तो दर्ज कर ली पर 6 महीने बीत जाने के बाद भी मामले में कोई कार्यवाई नही की ना ही किसी को गिरफ्तार किया गया। नागेंद्र द्विवेदी व अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज है। इस बीच आरोपियों को जमानत लेने का पूरा मौका दिया लेकिन और राजस्व विभाग से चिट्ठी का खेल खेलते रहे। इस से साफ समझा जा सकता है कि आरोपियों की पुंलिस और राजस्व विभाग में कितनी सेटिंग होगी। पीड़ित ने कलेक्टर, एसपी, एसडीएम को कई बार लिखित शिकायत की है। तत्कालीन एसपी को भी शिकायत की लेकिन आज तक इस मामले में राजस्व विभाग और पुंलिस ने कोई करवाई नही की। पीड़ित न्याय पाने और आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर कलेक्टर और एसपी दफ्तर के चक्कर काटने को मजबूर है।

जानिए क्या है पूरा मामला…

पीड़ित गोलबाजार निवासी मोहम्मद आरिफ और उनके पार्टनर मोहम्मद अतिक ने अपने 2 साथियों के साथ मिल कर 19 फरवरी 2021को मोपका सेंदरी बायपास के ग्राम रमताल में खसरा न. 174/05 रकबा 7630 वर्ग फिट जमीन 28 लाख 80 हजार में खरीदी थी। पीड़ित ने यह जमीन प्रवीन पॉल से खरीदी किये थे। प्रवीन पॉल ने बताया कि जमीन उनकी है और वो इसे बेचना चाहते है सौदा तय होने पर दस्तावेजो की मांग करने पर प्रवीन पॉल ने बताया कि जमीन अपने परिचित नागेंद्र द्विवेदी के नाम पर लेके रखा हूँ मेरे पास उसका पवार ऑफ अटॉर्नी है 2018-19 का बी1 खसरा दिखया जिसमे पटवारी प्रिया द्विवेदी के डिजिटल हस्ताक्षर किये हुए थे। बी1, पी2, खसरा पूर्व पटवारी अशोक ध्रुव ने जारी किए थे जिसका भरोसा कर के 28 लाख 80 रुपये दे कर रजिस्ट्री करवा ली। लेकिन बाद में यह जमीन शासकीय निकल गयी। प्रवीन पॉल और पटवारी ने षड्यंत्र करते हुए कागजो में सफेदा लगा कांटछांट कर फर्जीवाड़ा कर धोखाधड़ी किये है।

हाईकोर्ट से जमानत खारिज…

हाईकोर्ट ने सरकारी जमीन बेचने मामले में आरोपियों की अग्रिम जमानत अर्जी को भी खारिज कर दिया है, इससे पहले सेशन कोर्ट ने भी अग्रिम जमानत खारिज कर चुकी है। मामले की सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पांडेय के सिंगल बेंच में हुई, दस्तावेजों में कांट छांट कर जमीन को आरोपियों ने 28 लाख 80 हज़ार में बेच दिए थे। बिलासपुर के टिकरापारा अहिर मोहल्ला निवासी नागेंद्र कुमार द्विवेदी और मोपका निवासी प्रवीण कुमार पाल ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी प्रस्तुत की थी जिसमें उन्होंने बताया था कि मोहम्मद आरिफ की शिकायत पर उसके खिलाफ थाना कोनी में 420, 467, 468 व 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। उसने यह भी बताया गया कि ग्राम रमतला पटवारी हल्का नंबर 24 में स्थित सर्वे नंबर 174/05 की 0.175 एकड़ जमीन पीड़ित ने खरीदी थी।

इस केस की डायरी मुझे मिली नहीं है मैने अभी जॉइन किया है। प्रार्थी से बात हुई है आरोपीयो की खोजबीन की जा रही है जैसे ही उनका लोकेशन पता चलता है उनकी गिरफ्तारी कर इस पर कार्यवाई की जाएगी। ( नूपुर उपाध्याय प्रशिक्षु डीएसपी प्रभारी कोनी थाना )

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